90 Years of RBI: 90 साल पूरा, बैंकिंग प्रणाली को गांव-गांव तक पहुंचा दिया रिजर्व बैंक ने, जानें इतिहास और काम

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: April 2, 2024 10:58 AM2024-04-02T10:58:27+5:302024-04-02T10:59:06+5:30

90 Years of RBI: रिजर्व बैंक की 90वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकदम सही कहा कि आज दुनिया में भारत की बैंकिंग प्रणाली को एक मजबूत, विश्वसनीय तथा टिकाऊ व्यवस्था के रूप में देखा जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक को यूं ही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रबंधन संस्थाओं में नहीं गिना जाता.

90 Years of RBI 1 april Completes Reserve Bank has taken banking system to every village know its history and work | 90 Years of RBI: 90 साल पूरा, बैंकिंग प्रणाली को गांव-गांव तक पहुंचा दिया रिजर्व बैंक ने, जानें इतिहास और काम

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Highlightsदुनिया में कई बार आर्थिक मंदी आई. भारत को भी इसकी आहट सुनाई दी. भारत में रिजर्व बैंक हर बार संकट के वक्त अग्निपरीक्षा में सोने सा निखरा है. वर्षों की मेहनत से भारतीय रिजर्व बैंक ने जिन ठोस नीतियों की बुनियाद खड़ी की थी.

90 Years of RBI: भारतीय रिजर्व बैंक 1 अप्रैल को 90 वर्ष का हो गया. हालांकि इसकी स्थापना आजादी के 13 साल पहले भारत पर राज करने वाली अंग्रेजी सत्ता ने की थी लेकिन देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत करने में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इसने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. आजादी के बाद के 76 वर्षों में देश ने कई बार भयावह आर्थिक उथल-पुथल देखी, मगर रिजर्व बैंक ने दूरदर्शी एवं ठोस कदम उठाकर अर्थव्यवस्था को चरमराने नहीं दिया. सोमवार को रिजर्व बैंक की 90वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकदम सही कहा कि आज दुनिया में भारत की बैंकिंग प्रणाली को एक मजबूत, विश्वसनीय तथा टिकाऊ व्यवस्था के रूप में देखा जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक को यूं ही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रबंधन संस्थाओं में नहीं गिना जाता.

दुनिया में कई बार आर्थिक मंदी आई. भारत को भी इसकी आहट सुनाई दी. लेकिन रिजर्व बैंक ने विलक्षण प्रबंधन कौशल का परिचय दिया और स्थिति संभाल ली. आज अर्जेंटीना जैसे समृद्ध देश भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है, महंगाई काबू से बाहर हो चुकी है और यह देश एक-एक पाई के लिए तरस रहा है.

श्रीलंका में डेढ़ साल पहले कंगाली की स्थिति पैदा हो गई थी. तेल भंडार से समृद्ध वेनेजुएला सहित दुनिया के कई देशों में आर्थिक बदहाली के ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाएंगे क्योंकि वहां केंद्रीय बैंक अपनी भूमिका का सार्थक निर्वाह कर संबद्ध देशों की अर्थव्यवस्था को संभालने में विफल रहे. इन देशों के केंद्रीय बैंकों से स्थिति आज भी संभल नहीं रही है.

दूसरी ओर भारत में रिजर्व बैंक हर बार संकट के वक्त अग्निपरीक्षा में सोने सा निखरा है. कोविड-19 महामारी के दो साल दुनिया के अन्य देशों की तरह ही भारत के लिए भी बेहद चुनौतीपूर्ण थे. ऐसा लग रहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था ढह जाएगी लेकिन वर्षों की मेहनत से भारतीय रिजर्व बैंक ने जिन ठोस नीतियों की बुनियाद खड़ी की थी.

उसने एक बार फिर रिजर्व बैंक की क्षमता को असंदिग्ध रूप से साबित कर दिया. नब्बे के दशक में कुछ वक्त के लिए भारत में राजनीतिक अस्थिरता रही और आर्थिक मोर्चे पर प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा होने लगी थीं मगर रिजर्व बैंक ने उस दौर की अल्पजीवी सरकारों के साथ भी बेहतर तालमेल रखा तथा अर्थव्यवस्था को ढहने नहीं दिया.

यह सच है कि नब्बे की राजनीतिक अस्थिरता का वह दौर देश को कंगाल भी बना सकता था. अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त भी हुई परंतु रिजर्व बैंक ने स्थिति को नियंत्रण के बाहर जाने नहीं दिया. साठ और सत्तर के दशक के बीच चीन तथा पाकिस्तान के साथ युद्ध हुए, देश ने भयावह अकाल का भी सामना किया. इससे अर्थव्यवस्था पर बहुत दबाव पड़ा तथा रिजर्व बैंक के सामने भी अभूतपूर्व चुनौतियां पैदा हुईं.

लेकिन देश का यह सौभाग्य रहा कि राजनीतिक नेतृत्व एवं रिजर्व बैंक के बीच बेहतरीन समन्वय बना, बैंक को फैसले लेने की खुली छूट मिली और हमारी अर्थव्यवस्था हर बार संकट से बाहर निकल आई. मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारतीय बैंकिंग प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं.

बैंक पहले की अपेक्षा ज्यादा लोकोन्मुखी हो गए हैं, बैंकिंग सिस्टम इतना आसान हो गया है कि कम शिक्षित व्यक्ति को भी बैंक में जाकर अपना काम करने में परेशानी नहीं होती. ज्यादातर बैंकिंग कार्य तो अब ऑनलाइन ही होने लगे हैं. सार्वजनिक तथा निजी बैंकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है.

सबसे बड़ी बात यह रही कि इन दस वर्षों में भारतीय बैंकिंग प्रणाली गांव-गांव तक सक्षम सेवा देने लगी है. भारतीय रिजर्व बैंक की 90 वर्षों की गाथा सफलता के प्रतिमानों की गाथा है, उत्कृष्ट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से एक देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने का दस्तावेज है. रिजर्व बैंक का यह गौरवशाली सफर निश्चित रूप से भविष्य में सफलता के नए पैमाने स्थापित करेगा. 

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