राजद विधायक ने देवी दुर्गा को लेकर दिया विवादित बयान, खुद को महिषासुर का वंशज बताया
By एस पी सिन्हा | Published: October 27, 2023 04:22 PM2023-10-27T16:22:29+5:302023-10-27T16:23:56+5:30
राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि देवी दुर्गा का कोई अस्तित्व नहीं है। दुर्गा सप्तशती एक मनगढ़ंत बेकार कहानी है। इसके साथ ही राजद विधायक ने ब्राह्मणों पर भी हमला करते हुए अन्यायी बताया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों में न्यायिक चरित्र नहीं है।
पटना: राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने देवी दुर्गा को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि दुर्गा एक काल्पनिक कहानी है। वह उस कहानी का महज एक पात्र हैं। मैं मान लेता यदि दुर्गा जी या हमारे देश में मनुवादी के अनुसार 33 करोड़ देवी देवता हैं। लेकिन, जब भारत गुलाम हुआ उस समय भारतीयों की संख्या 30 करोड़ था और देवी-देवता की संख्या 33 करोड़। तो मैं उनलोगों से पूछना चाहता हूं कि जिसने यह लिखा कि महिषासुर के करोड़-करोड़ सेना से दुर्गा ने लडाई लड़ा और महिषासुर का संहार किया तो मुट्ठी भर अंग्रेज जो भारत को गुलाम बनाए हुए थे तो उस समय मां दुर्गा क्या कर रही थीं?
उन्होंने कहा कि देवी दुर्गा का कहीं कोई अस्तित्व नहीं है। यह मनगढ़ंत कहानी है। उन्होंने खुद को महिषासुर का वंशज बताया तथा कहा कि महिषासुर उनके पूर्वज थे। मां दुर्गा का कहानी मनगढ़ंत है इसमें कोई सच नहीं है। फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि अगर देवी दुर्गा का अस्तित्व था तो ब्रिटिश हुकूमत के समय उन्होंने क्यों नहीं आकर भारत को बचा लिया? अगर वह तीनों लोक की देवी थी तो क्या भारत में उस तीनो लोक में नहीं है? उन्होंने दुर्गा पूजा जैसे आयोजन को फिजूलखर्ची बताया। उन्होंने यह भी कहा कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार गौतम बुद्ध पहले आए तथा राम बाद में आए।
उन्होंने देवी दुर्गा तथा भगवान शिव के संबंध पर भी आपत्ति दर्ज किया। उन्होंने कहा कि देवी दुर्गा का कोई अस्तित्व नहीं है। दुर्गा सप्तशती एक मनगढ़ंत बेकार कहानी है। इसके साथ ही राजद विधायक ने ब्राह्मणों पर भी हमला करते हुए अन्यायी बताया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों में न्यायिक चरित्र नहीं है। अंग्रेजों ने भी कानून बनाकर ब्राह्मणों को जज बनाने से इनकार किया था। मनुवाद के अनुसार, कुकर्मी ब्राह्मणों को भी दंडित किया जाना वर्जित कहा गया था। विधायक ने देवी दुर्गा तथा भगवान शंकर के संबंध को भी आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि एक तरफ हिंदू शास्त्रों में बताया जाता है कि भगवान शिव ने अन्य देवताओं के साथ आह्वान कर देवी दुर्गा की उत्पत्ति की। एक तरह से भगवान शिव ने देवी दुर्गा का आविष्कार किया तो इस रिश्ते से देवी दुर्गा भगवान शिव की पुत्री हुईं। वहीं, दूसरी ओर देवी दुर्गा को महागौरी के नाम से भी बुलाया जाता है। ऐसे में गौरी भगवान शिव की पत्नी थी, तो क्या भगवान शिव ने अपनी पुत्री से विवाह कर लिया था? उन्होंने हिंदू आस्था पर प्रहार करते हुए आगे कहा कि मनुवादी इस मुद्दे पर उनका जवाब दें। मनगढ़ंत कहानी बनकर हिंदुओं को ठगने का काम किया गया जो आज भी जारी है।
उधर, फतेह बहादुर सिंह के इन विवादित बोल को लेकर विभिन्न हिन्दू संगठनों ने डेहरी में राजद विधायक का पुतला दहन किया। इस दौरान काफी संख्या में हनुमान मंदिर से भाजपा, बजरंग दल और करणी सेना के कार्यकर्ता विधायक के खिलाफ एकजुट हुए। वहीं इस मामले पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि राजद विधायक ने जिस तरह से हिंदुओं के देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की है, वह बर्दाश्त से बाहर है। वे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे नहीं तो आंदोलन करने को मजबूर होंगे।