पटनाः बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के बीच बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर गए हैं। सरकार के फैसले के खिलाफ शिक्षक संघ और शिक्षक अभ्यर्थी विधानसभा मार्च किया था। इस मार्च में हजारों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए।
गर्दनीबाग धरनास्थल से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का जुटान हुआ और विधानसभा मार्च के लिए निकले। इस बीच पटना पुलिस ने आर ब्लॉक के पास शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया और वहां से खदेड़ दिया। बताया जा रहा है कि भारी संख्या में जमे शिक्षक विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे, तभी पटना पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए वहां से खदेड़ दिया।
दरअसल, आर ब्लॉक के पास काफी अधिक संख्या में शिक्षक पहुंचे थे, लेकिन पटना पुलिस पहले से ही किसी अनहोनी को लेकर अलर्ट थी। इसके चलते बडे पैमाने पर पुलिस बल को तैनात किया गया था। शिक्षक अभ्यर्थी जैसे ही आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे, पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोका। लेकिन जब वे नही मानें तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया।
कहा जा रहा है कि विधानसभा घेराव के ऐलान को देखते हुए पुलिस ने शिक्षक संघ के नेता को हाउस अरेस्ट कर लिया था। बता दें कि शिक्षक भर्ती नियमावली के विरोध में अभ्यर्थी और कार्यरत शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षक संघर्ष मोर्चा द्वारा गर्दनीबाग में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है।
शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग है कि बिहार में डोमिसाइल नीति को फिर से लागू कर देना चाहिए। शिक्षकों की कई मांगें हैं। शिक्षकों की मांग है कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव के वक्त बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का वादा किया गया था, लिहाजा उसे पूरा किया जाए। 12 जुलाई को शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों का उनके आवास पर घेराव करेंगे।
इन शिक्षकों को भाजपा समेत कई पार्टियों का साथ भी मिल गया है। यही वजह है कि भाजपा 13 जुलाई को विधानसभा मार्च करने वाली है, जिसमे लाखों लोग सड़कों पर उतर कर बिहार सरकार का विरोध करेंगे। भाजपा ने 13 जुलाई को होने वाले मार्च के लिए जागरुकता रथ भी प्रदेश पार्टी कार्यालय से रवाना किया है।