पटना: पकड़ुआ विवाह पर हाईकोर्ट सख्त, आर्मी जवान की शादी को बताया अवैध

By एस पी सिन्हा | Published: November 24, 2023 05:00 PM2023-11-24T17:00:14+5:302023-11-24T17:11:07+5:30

बिहार में एक पकड़ौआ विवाह को 10 साल बाद पटना हाई कोर्ट ने अवैध बता अमान्य कर दिया। पटना हाईकोर्ट ने दूल्हे के आवेदन पर शादी को रद्द कर दिया है।

patna High Court strict on caught marriage declared marriage of Army jawan illegal | पटना: पकड़ुआ विवाह पर हाईकोर्ट सख्त, आर्मी जवान की शादी को बताया अवैध

सांकेतिक फोटो

Highlightsपकड़ौआ विवाह को 10 साल बाद पटना हाई कोर्ट ने अमान्य कर दियापटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी महिला के माथे पर जबर्दस्ती सिन्दूर लगाना ही हिंदू कानून के तहत विवाह नहीं हैएक हिंदू विवाह तब तक वैध नहीं है, जब तक वह स्वैच्छिक न हो

पटना: बिहार में एक पकड़ौआ विवाह को 10 साल बाद पटना हाई कोर्ट ने अवैध बता अमान्य कर दिया। पटना हाईकोर्ट ने दूल्हे के आवेदन पर शादी को रद्द कर दिया है। सेना के जवान को 10 साल पहले बिहार में अपहृत कर बंदूक की नोक पर एक महिला के साथ जबरन शादी कर दी गई थी।

याचिकाकर्ता और नवादा जिले के रविकांत को 30 जून 2013 को दुल्हन के परिवार ने उस समय अगवा कर लिया था। जब वह लखीसराय के एक मंदिर में प्रार्थना करने गए थे। इसके बाद इस मामले को लेकर इन्होनें कोर्ट में याचिका दायर की थी।

पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी महिला के माथे पर जबर्दस्ती सिन्दूर लगाना ही हिंदू कानून के तहत विवाह नहीं है। एक हिंदू विवाह तब तक वैध नहीं है, जब तक वह स्वैच्छिक न हो और ‘सप्तपदी’ (दूल्हा और दुल्हन द्वारा पवित्र अग्नि के चारों ओर फेरे लेने) की रस्म के साथ न हो।

दरअसल, बिहार में ‘‘पकड़ुआ बियाह’’ (विवाह योग्य उम्र की लड़कियों के परिवार के सदस्य द्वारा भारी दहेज देने से बचने के लिए कपटपूर्ण तरीकों का सहारा लिया जाता है) बड़े पैमाने पर सामने आते रहता है।इस विषय पर कुछ फिल्में भी बन चुकी हैं। इसी क्रम में याचिकाकर्ता सभी रीतियों के संपन्न होने से पहले दुल्हन के घर से भाग गया।

ड्यूटी पर फिर से लौटने के लिए जम्मू-कश्मीर चला गया था। छुट्टी पर लौटने पर शादी को रद्द करने की मांग करते हुए लखीसराय की परिवार अदालत में एक याचिका दायर की थी। परिवार अदालत ने 27 जनवरी, 2020 को उनकी याचिका खारिज कर दी जिसके बाद उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।

वहां से राहत नहीं मिलने के बाद उसने हाईकोर्ट की शरण ली थी। न्यायाधीश पीबी बजंथरी एवं न्यायाधीश अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने अपीलकर्ता रविकांत की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्णय सुनाया है। खंडपीठ ने पाया कि अपीलकर्ता रविकांत,जो उस समय सेना में एक सिग्नलमैन था, उसे लड़की के चाचा 30 जून 2013 को बंदूक की नोक पर 10 साल पहले बिहार के लखीसराय जिले में अपहरण कर लिया गया था।

प्रतिवादी दुल्हन के माथे पर सिन्दूर लगाने के लिए मजबूर किया गया था। खंडपीठ ने कहा कि प्रतिवादी दुल्हन यह साबित करने में विफल रही कि सप्तपदी का मौलिक अनुष्ठान “कभी पूरा हुआ था और इस तरह, कथित विवाह कानून की नजर में अमान्य है”। कोर्ट ने “जबरन” विवाह को यह देखते हुए रद्द कर दिया।

Web Title: patna High Court strict on caught marriage declared marriage of Army jawan illegal

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