पटनाः बिहार में धार्मिक जुलूसों और शोभा यात्राओं के दौरान आपसी झड़प, साम्प्रदायिक तनाव जैसी घटनाओं को रोकने सहित आम लोगों को ध्वनि प्रदूषण से बचाने के लिए नीतीश सरकार ने एक निर्देश जारी किया है। गृह विभाग ने धार्मिक जुलूस निकालने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है।
राज्य के सभी जिलों के डीएम और एसपी को चिठ्ठी जारी कर सरकार के विशेष सचिव ने कहा है कि धार्मिक जुलूस के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग से संप्रदायिक झगड़े देखने को मिले हैं। ऐसे में शोभायात्रा, जुलूस के आयोजकों को प्राधिकृत अधिकारी से आज्ञा लेनी होगी। इसके लिए आयोजकों को प्रार्थना पत्र व शपथ पत्र देना होगा।
इसके अनुसार सम्बद्ध अधिकारी इस तरह के प्रार्थना पत्र के तथ्यों का सत्यापन संबंधित थाना क्षेत्र के थानाधिकारी (एसएचओ) से करवाया जाएगा और उसके बाद ही उस पर कोई फैसला करना होगा। दिशा-निर्देश में ध्वनि प्रदूषण नियमों का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि ऐसे दृष्टांत सामने आए हैं जिनमें विभिन्न पर्व-त्योहारों के अवसर पर धार्मिक जुलूसों-शोभा यात्राओं में शामिल लोगों द्वारा माइक्रोफोन/ लाउडस्पीकर से काफी उच्च ध्वनि में धार्मिक नारे लगाने, डीजे बजाने और परम्परागत हथियारों के प्रदर्शन को लेकर साम्प्रदायिक तनाव के कारण विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई।
दिशा निर्देश के अनुसार प्रार्थना पत्र में आयोजकों को संगठन का पंजीकरण नंबर, संपर्क नंबर और जुलूस के मार्ग की जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही आयोजकों को यह सूचित करना होगा कि क्या कार्यक्रम में डीजे सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। इसमें डीजे सिस्टम के मालिक तथा डीजे पर बजने वाली विषय सामग्री का विवरण भी देना होगा।
गृह विभाग के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि राज्य में विभिन्न धार्मिक त्योहार, जयंती, शोभायात्रा, प्रदर्शन, सार्वजनिक कार्यक्रम व जुलूस आदि के शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने के लिए ये निर्देश जारी किए जा रहे हैं। अस्त्र शत्र के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। जुलूस के नियंत्रण हेतु ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग किया जायेगा।