काराकाट सीट से चुनाव लड़ेंगी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य!, कटेगा जदयू सांसद महाबली सिंह का टिकट
By एस पी सिन्हा | Published: December 14, 2023 06:21 PM2023-12-14T18:21:33+5:302023-12-14T18:23:51+5:30
Lok Sabha Elections 2024: काराकाट लोकसभा क्षेत्र के दाउदनगर में रोहिणी आचार्य का ससुराल है, जहां गुरुवार को वह अपने ससुर स्वर्गीय राव रणविजय सिंह की 10वीं पुण्यतिथि पर पहुंची थीं।
Lok Sabha Elections 2024: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को किडनी डोनेट करने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य क्या काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी? उनके राजनीति में आने की संभावना की चर्चा शुरू हो गई है। अगले साल लोकसभा चुनाव में राजद रोहिणी आचार्य को काराकाट से अपना उम्मीदवार बना सकती है।
रोहिणी आचार्य ने पहली बार खुद इस बात के संकेत दिए हैं कि जनता चाहेगी तो वह चुनाव लड़ सकती हैं। बता दें कि अभी काराकाट सीट से जदयू के महाबली सिंह सांसद हैं। उल्लेखनीय है कि काराकाट लोकसभा क्षेत्र के दाउदनगर में रोहिणी आचार्य का ससुराल है, जहां गुरुवार को वह अपने ससुर स्वर्गीय राव रणविजय सिंह की 10वीं पुण्यतिथि पर पहुंची थीं।
उनके साथ उनकी सास और पति समरेश सिंह थे। इस दौरान मीडिया ने उनसे लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर बात की तो पहले रोहिणी ने इससे इनकार किया, लेकिन फिर उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्र की चाहेगी तो इस पर विचार कर सकती हैं। काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के सवाल पर पहले तो ना कहा, लेकिन जब यह कहा गया कि यदि आप काराकाट की सांसद रहेंगी तो इस इलाके का विकास तेज गति से होगा। इस पर कहा कि अभी तक तो वह अपने मां और पिताजी की सुन रही हैं।
जनता कहेगी तो उनकी भी सुन सकती हैं। फिलहाल वे जमीन पर कोई ऐसा काम नहीं कर रही हैं तो टिकट कैसे मिलेगा? जनता के बीच रहेंगी तब न टिकट मिलेगा। वहीं वहां उपस्थित अरवल के पूर्व विधायक रविंद्र सिंह ने कहा कि आपको कौन नहीं जानता। सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। फील्ड बना हुआ है। आपको टिकट मांगने की जरूरत नहीं है।
तब रोहिणी आचार्या ने कहा कि हवा-हवाई वाला कोई काम नहीं। तमाम बातचीत के क्रम में उन्होंने यह जरूर कहा कि जनता बोलेगी तो जरूर सुनेंगी। बता दें कि लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी की शादी हिच्छन बिगहा निवासी मुंबई में आयकर अधिकारी रहे राव रणविजय सिंह के पुत्र समरेश सिंह के साथ 23 मई 2002 को हुई थी। तब यहां बारात आई थी। व्यापक चर्चा इस विवाह समारोह की थी। रोहिणी का विवाह तब सबसे महंगी शादी के साथ सत्ताधीश की पुत्री की शादी होने के कारण इलाके में सुर्खी बना था।