'जमीन के बदले नौकरी' मामले में मुश्किल में लालू परिवार, समन जारी होने के बाद गर्मायी बिहार की सियासत
By एस पी सिन्हा | Published: September 22, 2023 07:04 PM2023-09-22T19:04:50+5:302023-09-22T19:05:54+5:30
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के द्वारा लैंड फॉर जॉब स्कैम में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत 17 लोगों को समन जारी कर आगामी 4 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
पटना: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के द्वारा लैंड फॉर जॉब स्कैम में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत 17 लोगों को समन जारी कर आगामी 4 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिये जाने के बाद बिहार में सियासत गर्मा गई है। अब इसको लेकर भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी और जदयू नेता और मंत्री संजय झा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संजय झा ने कहा कि अभी हमें पूरी जानकारी नहीं है। जानकारी लेने के बाद ही पार्टी का जो ऑफिशल स्टेटमेंट होगा। उसपर बयान दिया जाएगा।
वहीं, सुशील मोदी ने कहा है कि लालू और उनके परिवार के खिलाफ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पुख्ता प्रमाण उपलब्ध कराएं हैं, ऐसे में इस मामले में कोई नहीं बच सकेगा। उन्होंने कहा कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया है। इसके पहले सीबीआई ने चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया था। यह वही मामला है जिसको सबसे पहले ललन सिंह ने उजागर किया था। 2009 में जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। उस समय ललन सिंह और शरद यादव ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा था कि लालू प्रसाद रेल मंत्री रहते हुए गलत तरीके से लोगों को नौकरी दे रहे हैं और उसके बदले जमीन रजिस्ट्री करा रहे हैं। उन्होंने कहा की रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन रजिस्ट्री कराने के मामले में सीबीआई के पास पुख्ता सबूत हैं।
सुशील मोदी ने पूछा कि नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कालोनी में 1088 का जो आलीशान मकान है, जिसकी कीमत 100 से 150 करोड़ के आसपास होगी, आखिर इसके मालिक तेजस्वी यादव कैसे बन गए? ये वही मकान और जमीन हैं जो लोगों ने रेलवे में नौकरी के बदले लालू परिवार को दिया था। कोर्ट ने समन किया है तो यह एक न्यायिक प्रक्रिया है, आगे देखना है कि क्या होता है। जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने बहुत ही पुख्ता सबूत सीबीआई को उपलब्ध कराए हैं।
उधर, मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि यह तो न्यायालय का मामला है। न्यायालय इस पूरे मामले को देखेग। इसमें हम लोग सीधे तौर पर कोई टीका टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। इसबीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि यह कोई पहला और आखिरी मामला नहीं है। ये सब चलता रहेगा। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। इन सब मामलों में कोई दम नहीं है। ये सब चलता रहता है। अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह सब तो पुरानी बात है। यह कोई नई बात है। यह सब तो होता रहता है और होता ही रहेगा। ये न तो पहला है और न ही अंतिम है। सब बेकार की बात है। हम ध्यान ही नहीं देते हैं अब इन सब चीज पर ध्यान नहीं देते हैं। हम तो बस अपना काम कर रहे हैं और बिहार के विकास पर ध्यान दे रहे हैं।
बता दें कि लैंड फॉर जॉब्स मामले में जांच के बाद ईडी लालू प्रसाद और उनके परिवार की 6 करोड़ 2 लाख रुपए की संपत्ति अटैच कर चुकी है। इसमें गाजियाबाद और बिहार की संपत्ति शामिल हैं। अटैच की गई संपत्तियों में नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित डी-1088 है, जो आवासीय परिसर है। इस कंपनी के मालिक तेजस्वी प्रसाद यादव और उनका परिवार है। हालांकि, तेजस्वी ने 9 नवंबर 2015 को इस कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था।