पटनाः बिहार में पुल गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खगडिया जिले में अगुवानी में पुल के गिरने की घटना को तीन सप्ताह गुजरने के बाद अब एक बार फिर एक पुल के धंसने की घटना सामने आई है। इसमें अररिया जिले में बनकर लगभग तैयार हो चुके पुल नीच से धंस गया।
यह पुल एनएच पर बनाया जा रहा था। जिसके बाद अब पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। यह पुल ठाकुगगंज से बहादुरगंज के बीच मेची नदी पर बन रहा था। बताया जा रहा है कि पुल का निर्माण जीआर इंफा ने किया था और उसके कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह पुल किशनगंज के गलगलिया से अररिया के बीच सड़क का चौड़ीकरण का हिस्सा था।
इस छह स्पेन के पुल के बीच के पाए के धंसने से लोग पुल के भविष्य पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। पहली बरसात में ही पुल धंसने से इसका निर्माण कर रही कम्पनी जीआर इंफ्रा पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। बता दें कि 1500 करोड़ की लागत से एनएच का चौड़ीकारण हो रहा है और यह पुल इसके तहत ही बन रहा है।
वहीं घटना के बाद इस मामले में निर्माण एजेंसी की तरफ से बोलने को कोई तैयार नहीं है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले बिहार में खगड़िया-अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच 1700 करोड़ से ज्यादा की रकम से बना रहा पुल गंगा नदी में समा गया था। यहां पहले पुल का एक पाया करीब 3-4 फीट तक धंस गया था।
इसके बाद निर्माणाधीन पुल एक तरफ झुकना शुरू हो गया था। 10 मिनट के भीतर ही एक तरफ झुकता पुल धड़ाम से गंगा नदी में जा गिरा। तीन पाए पर टिके 30 के स्लैब नदी में समा गए हैं। इधर, भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने के मामले में पटना हाईकोर्ट में याचिका भी दर्ज करवाई गई।
जिसके बाद इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुल का निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को भी कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया। इसके अलावा बिहार सरकार से भी पुल के ध्वस्त होने की पूरी रिपोर्ट मांगी गई।