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Bihar Politics News: विधान पार्षद संजय सिंह पर डंडा!, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पाठक ने रोक दी पेंशन, जानें वजह

By एस पी सिन्हा | Updated: November 30, 2023 16:05 IST

Bihar Politics News: स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति को लेकर डंडा चलाने वाले केके पाठक ने अब मीडिया में बयानबाजी करने वाले विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के नेताओं का पेंशन रोकने के आदेश का विरोध शुरू कर दिया है।

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ठळक मुद्देविश्वविद्यालय शिक्षक संघ के नेताओं ने केके पाठक के आदेश को आपातकाल जैसी स्थिति बताया है।केके पाठक का डंडा इस बार विधान पार्षद संजय सिंह पर चला है। भाकपा के विधान पार्षद संजय सिंह ने केके पाठक के एक आदेश पर अपनी नाराजगी जताई है।

Bihar Politics News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा नित नए लिए जा रहे फैसले से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षकों को कर्तव्यबोध कराने से लेकर स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति को लेकर डंडा चलाने वाले केके पाठक ने अब मीडिया में बयानबाजी करने वाले विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के नेताओं का पेंशन रोकने के आदेश का विरोध शुरू कर दिया है।

विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के नेताओं ने केके पाठक के आदेश को आपातकाल जैसी स्थिति बताया है। केके पाठक का डंडा इस बार विधान पार्षद संजय सिंह पर चला है। उन्होंने संजय सिंह का पेंशन रोक दिया है। इसके बाद सरकार को समर्थन देने वाले भाकपा के विधान पार्षद संजय सिंह ने केके पाठक के एक आदेश पर अपनी नाराजगी जताई है।

उन्होंने ऐलान किया है कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर धरना देंगे। संजय सिंह की नाराजगी के पीछे वजह केके पाठक का वह आदेश है जिसमें उन्होंने संजय सिंह के पेंशन पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं केके पाठक ने विश्वविद्यालय शिक्षक संघ फुटाव के कार्यकारी अध्यक्ष बहादुर सिन्हा के पेंशन और वेतन पर भी रोक लगाई गई है।

संजय सिंह इसी शिक्षक संघ के महासचिव हैं और वामदल भाकपा से भी जुड़े हुए हैं। उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक रेखा कुमारी ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. रणविजय कुमार को पत्र लिखा था, जिसमें विश्वविद्यालय शिक्षक संघ फुटाव के अध्यक्ष प्रो कन्हैया बहादुर सिन्हा और महासचिव सह विधान पार्षद संजय सिंह के पेंशन पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

शिक्षा विभाग ने कहा है कि मीडिया या सोशल मीडिया के जरिए आदेश का विरोध करना अनुशासनहीनता की तरह है। इस तरह की गतिविधि कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। संजय सिंह ने इसे केके पाठक का तानाशाही निर्णय बताया है। साथ ही पाठक को विश्वविद्यालय अधिनियम को ठीक से समझने की नसीहत दे डाली।

उधर, भाकपा-माले विधायक संजीव सौरव ने केके पाठक पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केके पाठक जो भी निर्णय लेते हैं उससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि धूमिल होती है। सरकार की बदनामी झेलनी पडती है। इससे साफ जाहिर होता है कि केके पाठक जानबूझकर नीतीश सरकार के लिए मुसीबत पैदा करते हैं और भाजपा को सहयोग कर रहे हैं। 

टॅग्स :पटनानीतीश कुमारतेजस्वी यादव
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