Bihar Politics News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अपशब्द कहे जाने पर बिहार में सियासत गर्मा गई। मुख्यमंत्री के बयान पर एक ओर जहां विपक्ष हमलावर है तो दूसरी ओर सत्तापक्ष डैमेज कंट्रोल में जुटी दिखाई दे रही है।
इसी कड़ी में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार में दलित की नहीं बल्कि विकास की सियासत शुरू है। बिहार में तरक्की की बात होती है तरक्की की सियासत चालू है। बिहार अब दूसरा कुछ भी नहीं टिकेगा। यहां सिर्फ आपसी प्रेम भाईचारा और सौहार्द की बातें टिकेगी।
उन्होंने कहा कि दलित लोगों के लिए राज्य सरकार ने जो काम किया है, वह उनके जेहन में है। इसलिए मांझी जी क्या बोल रहे हैं कोई फर्क नहीं पड़ता है। श्रवण कुमार ने कहा कि जीतन राम मांझी यदि सही दिशा में जाते तो उनकी ऐसी हालत नहीं होती। जिसको राज का ताज पहनाया गया। जिसको नीतीश कुमार ने अपनी कुर्सी सौंप दिया।
लेकिन उस गरिमा को जब बचा नहीं पाए तो अब यह क्या बोलते हैं और क्या नहीं बोलते हैं, इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है। बिहार की जनता उनको नोटिस नहीं लेती ऐसे लोगों को कोई भी नोटिस नहीं लेता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार की सरकार और बिहार के मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। जिसका जोड़ा देश में कहीं भी नहीं मिल सकता है।
जाति आधारित गणना का जब रिपोर्ट पेश किया और इस पर जब बहस हुई है तो जिस तरह से भाजपा के नेता उसको हल्के में ले रहे थे वह उचित नहीं था। देश के गरीबों के लिए देश के असहाय लोगों के लिए अभी तक तो उन्होंने कुछ भी नहीं किया है। भाजपा के लोग जानबूझकर सदन को नहीं चलने देते हैं और इस बार भी तीन-चार दिनों तक लगातार सदन की कार्यवाही को बाधित करते रहे।