Bihar Politics News: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 37 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिया। हालांकि, जनता दरबार आज कुव्यवस्था की भेंट चढ़ गया। कहने को जनता दरबार का लाइव प्रसारण किया गया, पर यह सिर्फ दिखावे के लिए।
लाइव प्रसारण बिना आवाज के ही किया गया। ऑडियो को गायब कर दिया गया था। दरअसल, जनता दरबार के लाइव प्रसारण से सुशासन की बार-बार पोल खुल रही थी। एक ही शिकायत लेकर फरियादी बार-बार मुख्यमंत्री के पास पहुंच रहे थे। जिससे सरकार की भारी फजीहत हो रही थी। शायद यही वजह है कि लाइव प्रसारण से ऑडियो को गायब कर दिया गया।
न मिलेगी आवाज और न खुलेगी जनता दरबार की पोल। ऑडियो नही होने की वजह से सबकुछ "म्यूट" सा लग रहा था। वहीं, जनता के दरबार में किशनगंज जिले से आई एक महिला फरियादी ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि मेरे पति जो मदरसा बोर्ड में नौकरी करते थे, उनका निधन होने के बाद अब तक अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिल पाई है।
वहीं किशनगंज जिले से ही आये एक अन्य फरियादी ने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि मेरे पिताजी का कोरोना के कारण निधन हो गया था, लेकिन उनके निधन के बाद मिलनेवाली सहायता राशि अब तक परिवार को नहीं मिल पाई है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
वहीं, समस्तीपुर जिले से ही आई एक महिला ने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी सेविका के नियोजन में अनियमितता बरती जा रही है, जिसके कारण मेरा नियोजन नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मधेपुरा जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि बेहरारी पंचायत में सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है, जिससे छात्रों को पढ़ाई करने में काफी परेशानी हो रही है। वहीं हमारे यहां के स्वास्थ्य केंद्र को और बेहतर बनाए जाने की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
आज "जनता के दरबार में मुख्यमंत्री" कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई।