Bihar Politics News: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। उन्होंने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के साथ-साथ बिहार विधानसभा के भी चुनाव होंगे।
चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार ने पीएम बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए इंडिया गठबंधन में शामिल हुए हैं। नीतीश कुमार की महत्वकांक्षा जब पूरी नहीं होगी तो वे गठबंधन में असहज हो जाएंगे और गठबंधन से खुद का बाहर कर लेंगे। ऐसे में जब नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से बाहर होते हैं तो बिहार मध्यावधि चुनाव की ओर अग्रसर होगा।
चिराग पासवान ने कहा कि लोकसभा के साथ साथ बिहार में विधानसभा के चुनाव भी हो सकते हैं। इंडिया गठबंधन की तीन तीन बैठक होने के बावजूद वे गठबंधन का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी चर्चा नहीं की है वे लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलकर देश की सत्ता तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
इंडिया गठबंधन के लोग समाज में फूट डालकर कुर्सी को हासिल करना चाह रहे हैं। पूरा विपक्ष इसी सोच के साथ काम कर रहा है। जी-20 रात्रिभोज में पीएम मोदी के साथ नीतीश कुमार की तस्वीर को लेकर कयासों का बाजार गर्म होने पर चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार पर किसी भी गठबंधन के लोगों को भरोसा नहीं है।
कोई ऐसा नेता नहीं है, जिसे नीतीश कुमार ने धोखा नहीं दिया है। महागठबंधन को भी अच्छी तरह से पता है कि नीतीश कुमार कभी भी उन्हें धोखा दे सकते हैं। बिहार की जनता और एनडीए के नीतीश कुमार पहले ही धोखा दे चुके हैं। नीतीश कुमार जिस भी गठबंधन में रहेंगे उसको नुकसान ही होगा।
वहीं, जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के यह कहने पर कि नीतीश कुमार में पीएम बनने के सभी गुण मौजूद हैं, इसपर चिराग ने कहा कि जिनमें सीएम बनने के गुण नहीं हैं उन्हें पीएम कौन स्वीकार करेगा। विपक्ष को नीतीश कुमार पर थोड़ा सा भी भरोसा नहीं है, यही कारण है कि गठबंधन में उन्हें अभी तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
बिहार की जनता ने तीसरे नंबर की पार्टी बना दी, ऐसे में देश के लोग उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं लालू प्रसाद के यह कहने पर कि जी-20 सम्मेलन में केंद्र पैसों की बर्बाद कर रहा है, इस पर चिराग ने कहा कि जिनको नहीं समझ में आया कि देश को क्या मिला, उन्हें कभी यह बात समझ में नहीं आएगी। जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश गौरव बढ़ा है। जो लोग सवाल उठा रहे थे कि भारत इतने बड़े कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकता है, उन्हें पता चल गया है कि इस देश में कितनी क्षमता है।