Bihar cabinet: विशेष दर्जे की मांग वाला प्रस्ताव पारित, बिहार कैबिनेट में अहम फैसला, सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया पोस्ट में किया खुलासा, पढ़े
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 22, 2023 01:35 PM2023-11-22T13:35:12+5:302023-11-22T14:00:54+5:30
Bihar cabinet: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 2005 में जब पहली बार प्रदेश की सत्ता संभाली थी वह तबसे राज्य के लिये विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं।
पटनाः बिहार में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग की, जिसके लिए जाति सर्वेक्षण के आलोक में नई जरूरत महसूस की जा रही थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार मांग कर चुके हैं। कुमार ने 2005 में जब पहली बार प्रदेश की सत्ता संभाली थी वह तबसे राज्य के लिये विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की पुनः मांग की।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 22, 2023
देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत,…
बिहार के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि भूमिहीनों को जमीन और बेघर परिवारों को घर देने के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत है। इतनी बड़ी रकम पाने के लिए, यह जरूरी है कि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिले। 2010 से केंद्र सरकार को बार-बार अनुरोध भेजा गया है। अभी तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
Patna, Bihar: S Siddharth, Additional Chief Secretary, Bihar says, "...For giving lands to the landless and houses to homeless families, there is a requirement to spend Rs 2.5 lakh crore... To get such a large amount, it is essential that the state gets the status of a special… pic.twitter.com/D8hZD4jQb5
— ANI (@ANI) November 22, 2023
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि केंद्र से मांग स्वीकार करने का अनुरोध करने वाला एक प्रस्ताव (प्रस्ताव) दिन में उनकी अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पारित किया गया था। अपने लंबे सोशल मीडिया पोस्ट में खुलासा किया है।
Bihar cabinet passes resolution seeking special category status for state
— Press Trust of India (@PTI_News) November 22, 2023
देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षण की सीमा को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
अर्थात सामाजिक रूप से कमजोर तबकों के लिये आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्ववत लागू रहेगा। अर्थात इन सभी वर्गो के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है।
जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार हेतु 2 लाख रुपये तक की राशि किश्तों में उपलब्ध करायी जायेगी। 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रुपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है।
साथ ही इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे। जो 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रूपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी। सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब 01 लाख रुपये के बदले 02 लाख रुपये दिये जायेंगे।
इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी। इन कामों के लिये काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यदि केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे। हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं।
इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गाँधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी। हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया।
मई, 2017 में भी हमलोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था। आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुये केन्द्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे।