पटनाः बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया है कि बिहार में अधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग उद्योग बन गया है। मलाईदार विभागों के मंत्री मालामाल हो रहे हैं। पैसा देकर ट्रांसफर पोस्टिंग कराने के लिए अधिकारियों में होड़ मची हुई है। वही ईमानदार पदाधिकारियों को ट्रांसफर पोस्टिंग में किनारा लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के पास 10+2 संवर्ग के शिक्षकों की पोस्टिंग की फाइल 25-30 दिनों से अटकी पड़ी है। लेकिन शिक्षा मंत्री फाईल का निष्पादन नहीं कर रहे हैं। विजय सिन्हा ने कहा कि नियमानुसार जून माह में विभागीय मंत्री के स्तर से वर्ग 1 और 2 के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग होती है।
इसके लिए सामान्य प्रशासन बिभाग का परिपत्र के द्वारा बिस्तृत दिशा निर्देश भी जारी है, लेकिन उनका अनुपालन नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि भष्ट अधिकारी पैसे के बल पर मलाईदार विभागों में कमाई की दृष्टि से महत्वपूर्ण जगह पर अपना पदस्थापन करा लेते हैं। विजय सिन्हा ने कहा कि मलाईदार विभागों के मंत्री जून माह में मालामाल हो जाते हैं।
यहां अधिकारी पैसा देकर अपनी पोस्टिंग कराते हैं और पदस्थापन के बाद वहां की जनता से कई गुणा वसूली करते हैं। माह जून में मुख्यमंत्री का भरस्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति शिथिल कर दी जाती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र के द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी है।
लेकिन उनका अनुपालन नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, नगर विकास, राजस्व भूमि सुधार, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, जल संसाधन, सहित दर्जनों विभागों में अभी मालदार एवम रसूखदार लोग सक्रिय हो गए हैं। रोज नया डील किया जा रहा है। ईमानदार अधिकारियों को किनारे लगा दिया गया है।
वे इस दौड़ से बाहर हो गए हैं क्योंकि उनके पास खास जगह पर पोस्टिंग के लिये पैसा नहीं है। विजय सिन्हा ने मांग की है कि मुख्यमंत्री जी को इस ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल बंद करने के लिए शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए। पद पर बने रहने के लिए मुख्यमंत्री जी द्वारा नीति और सिद्धान्त से समझौता कर लिया गया है जिसके कारण बिहार में प्रशासनिक अराजकता व्याप्त हो गया है।