बेंगलुरु में अभ्यास करने का फैसला साइना नेहवाल का था: प्रकाश पादुकोण
By भाषा | Published: January 14, 2020 11:29 AM2020-01-14T11:29:50+5:302020-01-14T11:29:50+5:30
पुलेला गोपीचंद ने अपनी किताब में लिखा है कि 2014 विश्व चैंपियनशिप के बाद विमल कुमार के मार्गदर्शन में बेंगलुरु स्थित पादुकोण अकादमी में अभ्यास के साइना के फैसले से वह काफी दुखी हुए।
प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि रियो ओलंपिक से पहले हैदराबाद में गोपीचंद अकादमी छोड़कर बेंगलुरु में विमल कुमार के मार्गदर्शन में अभ्यास करने का फैसला साइना नेहवाल का अपना था और अकादमी की इसमें कोई भूमिका नहीं रही।
गोपीचंद ने आगामी किताब ‘ड्रीम्स ऑफ अ बिलियन : इंडिया एंड द ओलंपिक गेम्स’ के एक अध्याय ‘बिटर राइवलरी’ में लिखा है कि 2014 विश्व चैंपियनशिप के बाद विमल कुमार के मार्गदर्शन में बेंगलुरु स्थित पादुकोण अकादमी में अभ्यास के साइना के फैसले से वह काफी दुखी हुए। गोपीचंद ने यह भी कहा कि उन्हें बुरा लगा कि पादुकोण, विमल और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के अधिकारी वीरेन रासकिन्हा ने साइना को हैदराबाद छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
पादुकोण अकादमी ने एक बयान में कहा, ‘‘बेंगलुरु में पीपीबीए पर अभ्यास करने के साइना के फैसले में पीपीबीए का कोई हाथ नहीं है।’’ इसने आगे कहा, ‘‘विमल कुमार ने साइना को खराब फॉर्म से निकलकर दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने में मदद की। इसके अलावा उसने ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीते।’’
किताब ने गोपीचंद ने यह भी लिखा है कि उन्हें हैरानी है कि पादुकोण ने कभी उनके बारे में कुछ सकारात्मक नहीं कहा। इस पर पीपीबीए ने लिखा, ‘‘पीपीबीए एक खिलाड़ी और कोच के रूप में भारतीय बैडमिंटन में पुलेला गोपीचंद के योगदान का सम्मान करता है। हमने विश्व स्तर पर उनके खिलाड़ियों की सफलता की सराहना की है और हमेशा उनके साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं।’’
गोपीचंद ने खुद पादुकोण के मार्गदर्शन में अभ्यास किया और 2001 में ऑल इंग्लैंड जीतने के बाद कोच गांगुली प्रसाद के साथ जुड़े। पादुकोण अकादमी ने कहा, ‘‘पीपीबीए पिछले 25 साल से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहा है। हमारे कई खिलाड़ी अपने करियर के अलग अलग चरण पर अकादमी छोड़कर गए हैं। हम कभी उनकी प्रगति में बाधा नहीं बने और यही अकादमी की नीति रहेगी।’’