नंदू नाटेकरः क्रिकेट और टेनिस खेलने के बाद बैडमिंटन में बने चैंपियन, 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब, 1956 में खिताब जीते 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 28, 2021 05:23 PM2021-07-28T17:23:26+5:302021-07-28T17:24:45+5:30

राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट और टेनिस खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर का बुधवार को पुणे में निधन हुआ।

Nandu Natekar Won 100 national and international titles first Indian to win the title in 1956 PM Modi saluted | नंदू नाटेकरः क्रिकेट और टेनिस खेलने के बाद बैडमिंटन में बने चैंपियन, 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब, 1956 में खिताब जीते 

राष्ट्रीय मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने उन्हें खेल का ‘सच्चा लीजेंड’ करार दिया जबकि विमल कुमार ने स्वयं के खेल से जुड़ने का श्रेय उन्हें दिया।

Highlights88 साल के नाटेकर उम्र संबंधित बीमारियों से परेशान थे।1961 में अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाले पहले बैडमिंटन खिलाड़ी थे।नाटेकर 1951-52 राष्ट्रीय जूनियर टेनिस के फाइनल में रामनाथन कृष्णन के खिलाफ हार के बाद बैडमिंटन से जुड़े।

पुणेः भारतीय बैडमिंटन के शुरुआती दौर के सुपरस्टार में से एक नंदू नाटेकर का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण यहां बुधवार को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। नाटेकर जब कोर्ट पर खेलते थे तो उनकी तुलना अक्सर किसी बैले नर्तक से की जाती थी।

अपने करियर में उन्होंने 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते। उनके परिवार में पूर्व डेविस कप खिलाड़ी बेटा गौरव और दो बेटियां हैं। गौरव ने बताया, ‘‘उनका घर में निधन हुआ और हम सभी उनके साथ थे। वह पिछले तीन महीने से बीमार थे।’’ वह 1956 में अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे।

अपने समय के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले नाटेकर दुनिया के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी थे। पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे नाटेकर को 1961 में पहले अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। छह बार के राष्ट्रीय एकल चैम्पियन नाटेकर ने 20 वर्ष की उम्र में भारत के लिये खेलना शुरू किया।

नाटेकर परिवार ने बयान में कहा, ‘‘बेहद दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि हमारे पिता नंदू नाटेकर का 28 जुलाई 2021 को निधन हो गया।’’ बयान के अनुसार, ‘‘कोविड-19 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए हम शोक सभा का आयोजन नहीं करेंगे। कृपया अपने विचारों और प्रार्थना में उन्हें याद रखें।’’

नाटेकर ने 15 साल से अधिक के अपने करियर के दौरान 1954 में प्रतिष्ठित आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और 1956 में सेलांगर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतकर अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। उन्होंने 1951 से 1963 के बीच थॉमस कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने 16 में से 12 एकल और 16 में से आठ युगल मुकाबले जीते थे।

उन्होंने और मीना शाह ने 1962 में बैंकाक में किंग्स कप अंतरराष्ट्रीय मिश्रित युगल खिताब जीता । उन्होंने एक साल बाद एकल खिताब भी अपने नाम किया । उन्होंने जमैका में 1965 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह 1954 आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे । नाटेकर महाराष्ट्र बैडमिंटन संघ में 1990 से 1994 तक अध्यक्ष रहे ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘नंदू नाटेकर का भारतीय खेल इतिहास में विशेष स्थान है। वह शानदार बैडमिंटन खिलाड़ी और बेहतरीन मार्गदर्शक थे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी सफलता उभरते हुए खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनके निधन से दुखी हूं। इस दुख के समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और मित्रों के साथ है। ओम शांति।’’

Web Title: Nandu Natekar Won 100 national and international titles first Indian to win the title in 1956 PM Modi saluted

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