पुलेला गोपीचंद ने घर गिरवी रखकर खोली थी एकेडमी, भारत को ओलंपिक में दिलाए दो पदक

By सुमित राय | Published: November 16, 2019 07:46 AM2019-11-16T07:46:02+5:302019-11-16T07:46:02+5:30

सिंधु और साइना की कामयाबी के पीछे सबसे ज्यादा योगदान पुलेला गोपीचंद का रहा है।

Happy Birthday Pullela Gopichand: pullela gopichand mortgaged family property to set up the badminton academy | पुलेला गोपीचंद ने घर गिरवी रखकर खोली थी एकेडमी, भारत को ओलंपिक में दिलाए दो पदक

पुलेला गोपीचंद का जन्म 16 नवंबर 1973 को आंध्र प्रदेश में हुआ था।

Highlightsपुलेला गोपीचंद का जन्म 16 नवंबर 1973 को आंध्र प्रदेश में हुआ था।पुलेला जब 10 साल के थे तब उन्हें क्रिकेट खेलना बहुत पंसद था।पुलेला गोपीचंद ने पहले देश के लिए मेडल जीते, फिर देश के लिए कई खिलाड़ी तैयार किए।

साइना नेहवाल के बाद पीवी सिंधु ओलिंपिक  में कमाल किया और फिर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत का मान पूरी दुनिया में बढ़ाने में कामयाब रहीं। 2012 लंदन ओलिंपिक में साइना नेहवाल ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन में भारत के लिए पहला पदक जीता। उसके बाद पीवी सिंधु ने साल 2016 में सिल्‍वर मेडल जीतकर ओलिंपिक में यह उपलब्‍धि हासिल की।

पीवी सिंधु 2019 में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। सिंधु और साइना की कामयाबी के पीछे सबसे ज्यादा योगदान पुलेला गोपीचंद का रहा है। गोपीचंद ने द्रोणाचार्य बनकर अपने शिष्यों को 'अर्जुन' की तरह बनाया और पदक जिताया। पुलेला गोपीचंद का जन्म 16 नवंबर 1973 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। पुलेला जब 10 साल के थे तब उन्हें क्रिकेट खेलना बहुत पंसद था, लेकिन उनके बड़े भाई राजशेखर ने उन्हें बैडमिंटन खेलने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया।

एकेडमी बनाने के लिए घर गिरवी रखा

साल 2003 में बैडमिंटन से संन्यास लेने के बाद गोपीचंद ने हैदराबाद में पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी की शुरूआत की। एकेडमी खोलने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, इसलिए एकेडमी शुरू करने के लिए अपने घर को गिरवी रख दिया था। हालांकि, आंध्रप्रदेश सरकार ने गोपीचंद को एकेडमी बनाने के लिए जमीन दी थी, लेकिन प्रॉजेक्ट को पूरा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। अपने सपने को पूरा करने के लिए अपना घर गिरवी रख दिया था।

गोपीचंद ने इन खिलाड़ियों को दी ट्रेनिंग

साइना और सिंधु के अलावा भारत के कई और शानदार खिलाड़ी गोपीचंद की एकेडमी का हिस्सा रहे हैं। किदांबी श्रीकांत, पी कश्यप, गुरुसाई दत्त, तरुण कोना जैसे बैडमिंटन खिलाड़ी गोपीचंद के शिष्य रहे हैं। गोपीचंद ने बचपन में सीखे आदर्श को अपने शिष्यों को हमेशा देने की कोशिश की। संघर्ष करते हुए कैसे आगे बढ़ा जाता है, वह सिखाया। गोपीचंद ने हमेशा फिटनेस पर ध्यान दिया और अपने शिष्यों को शीर्ष पर पहुंचे के लिए फिट रहने की सलाह देते हैं।

देर रात को भी पहुंच जाते हैं टेनिस एकेडमी

गोपीचंद अपनी एकेडमी के खिलाड़ियों का खास ख्याल करते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान गोपीचंद की पत्नी पीवी लक्ष्मी ने बताया था कि गोपीचंद कभी-कभी देर रात अपनी टेनिस अकादमी पहुंच जाते थे, यह देखने के लिए कि उनके शिष्य सही सलामत है या नहीं। गोपीचंद ने जब अपनी टेनिस अकादमी शुरू की थी, तब उनका मुख्य मकसद ओलंपिक में अपने शिष्यों को पदक जिताना था।

Web Title: Happy Birthday Pullela Gopichand: pullela gopichand mortgaged family property to set up the badminton academy

बैडमिंटन से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे