कोरोना काल में बढ़ी सेकेंड हैंड कारों की डिमांड, साफ-सफाई से भी बड़ा है ये कारण

By रजनीश | Published: July 28, 2020 05:59 AM2020-07-28T05:59:28+5:302020-07-28T05:59:28+5:30

ओएलएक्स के ‘ऑटो नोट’ के चौथे संस्करण में कहा गया है कि सर्वे में 55 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अगले 6 माह में अपने निजी वाहन के इस्तेमाल की योजना बना रहे हैं।

Spurt in demand for pre-owned personal vehicles | कोरोना काल में बढ़ी सेकेंड हैंड कारों की डिमांड, साफ-सफाई से भी बड़ा है ये कारण

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsउद्योग के आंकड़ों के अनुसार पुरानी कारों का बाजार नई कारों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।सर्वे के अनुसार, अब लोगों की प्राथमिकता में बदलाव आया है। अब लोग एंट्री-लेवल के मॉडल खरीदना चाहते हैं।

कुछ समय पहले तक पुरानी या सेकेंड हैंड कारों को खरीदने में लोग कई तरह से थोड़ा झिझक महसूस करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। बाजार के आंकड़ों की मानें तो सेकेंड हैंड कार बाजार में सुधार देखा जा रहा है। 

सेकेंड हैंड कार बाजार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मर्सिडीज जैसी लग्जरी कार बनाने वाली कंपनियों से लेकर मारुति, महिंद्रा तक इस बिजनेस में लगी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल-जुलाई की अवधि में पुरानी कारों के बाजार ने ग्रोथ दर्ज की है। वहीं इस महीने ऐसे वाहनों की मांग फरवरी की तुलना में 25 फीसदी बढ़ी है। 

सेडान की सबसे ज्यादा डिमांड
पुराने सामानों की बिक्री वाले प्लेटफॉर्म ओएलएक्स (OLX) के अनुसार जुलाई में पुरानी कारों में सबसे अधिक डिमांड सेडान कार की रही है। उसके बाद एसयूवी और हैचबैक का नंबर आता है।

ओएलएक्स के ‘ऑटो नोट’ के चौथे संस्करण में कहा गया है कि सर्वे में 55 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अगले 6 माह में अपने निजी वाहन के इस्तेमाल की योजना बना रहे हैं। इस मांग में गैर-महानगरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सेकेंड हैंड वाहनों की मांग बढ़ने की एकमात्र वजह सिर्फ साफ-सफाई की चिंता ही नहीं है, बल्कि अब लोगों का निजी वाहन खरीदने का बजट भी कम हो गया है।

नई की तुलना में पुरानी कारों का बाजार अधिक
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार पुरानी कारों का बाजार नई कारों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया कि अब साफ-सफाई की चिंता की वजह से कैब सेवाओं सहित सार्वजनिक परिवहन को लेकर प्राथमिकता घटी है। 

सर्वे में शामिल 55 फीसदी लोगों का कहना था कि वे भविष्य में अपनी निजी कार से सफर करना चाहेंगे। कोविड-19 से पहले ऐसा कहने वालों की संख्या 48 फीसदी थी। वहीं सर्वे में शामिल 56 फीसदी लोगों ने अगले तीन से छह माह में कार खरीदने की बात कही।

कार खरीदने के बजट में कटौती
सर्वे के अनुसार, अब लोगों की प्राथमिकता में बदलाव आया है। अब लोग एंट्री-लेवल के मॉडल खरीदना चाहते हैं। 72 फीसदी लोगों ने कोविड-19 की वजह से अपने कार खरीदने के बजट में कटौती की है। नई कार के लिए 39 फीसदी लोगों का बजट 3 लाख रुपये से कम है। वहीं 24 प्रतिशत का बजट 4 से 7 लाख रुपये है। 

पुरानी कारों के लिए 50 प्रतिशत लोगों का बजट 3 लाख रुपये से कम है। वहीं 20 प्रतिशत लोगों का बजट 4 से 7 लाख रुपये है। ओएलएक्स और ओएलएक्स कैशमाईकार ने यह सर्वे अप्रैल-जून के दौरान किया। इसमें 3,800 लोगों के विचार लिए गए।

Web Title: Spurt in demand for pre-owned personal vehicles

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