मारुति ने 6.7 लाख कारें रेलवे के जरिये भेजी, 10 करोड़ लीटर ईंधन की बचत

By भाषा | Published: July 8, 2020 02:24 PM2020-07-08T14:24:41+5:302020-07-08T16:54:58+5:30

कार कंपनी मारुति सुजुकी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में उसने 1.78 लाख कारों को रेलवे के जरिये भेजा। यह पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत वृद्धि रही है। एमएसआई के प्रबंध निदेशक और सीईओ केनिची आयुकावा ने कारें भेजने के लिये रेलवे का इस्तेमाल करने के बारे में कहा, कारें भेजने की बढ़ती संख्या को देखते हुये हमारी टीम ने बड़े पैमाने पर लाजिस्टिक प्रवाह की जरूरत को महसूस किया।

Maruti transports over 6.7 lakh cars through Indian Railways in 6 years | मारुति ने 6.7 लाख कारें रेलवे के जरिये भेजी, 10 करोड़ लीटर ईंधन की बचत

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsमारुति ने कहा है कि वह देश की पहली कार निर्माता कंपनी है जिसके पास आटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन आपरेटर (एएफटीओ) लाइसेंस है।वर्तमान में कंपनी पांच टर्मिनल गुरुग्राम, फारुखनगर, कठुवास, पाटली, डेट्रोज- से कारों का लदान करती है।

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआई) ने बुधवार को कहा कि उसने पिछले छह साल के दौरान 6.7 लाख कारों को भारतीय रेल के जरिये गंतव्य तक भेजा। इसमें साल दर साल 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी के मुताबिक उसने रेलवे के जरिये पहली बार मार्च 2014 में कारें भेजी।

10 करोड़ लीटर ईंधन की बचत
रेलवे के जरिये नई कारों को उनके आपूर्ति स्थल तक भेजने से कंपनी ने करीब 3,000 टन कार्बन डायआक्साइड के उत्सर्जन को कम किया है। कंपनी के बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही 10 करोड़ लीटर ईंधन की भी बचत हुई है। इससे कंपनी ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले एक लाख ट्रक के चक्कर बचाये हैं।

सड़क के रास्ते जोखिम ज्यादा
प्रमुख कार कंपनी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में उसने 1.78 लाख कारों को रेलवे के जरिये भेजा। यह पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत वृद्धि रही है। एमएसआई के प्रबंध निदेशक और सीईओ केनिची आयुकावा ने कारें भेजने के लिये रेलवे का इस्तेमाल करने के बारे में कहा, ‘‘कारें भेजने की बढ़ती संख्या को देखते हुये हमारी टीम ने बड़े पैमाने पर लाजिस्टिक प्रवाह की जरूरत को महसूस किया। हमने यह महसूस किया कि न केवल विस्तार के लिये बल्कि जोखिम कम करने के लिये भी हमें सड़क माध्यम के अलावा दूसरे माध्यमों को देखना चाहिये।’’

125 कार क्षमता वाले रैक से की थी शुरुआत
शुरुआत में 125 कारें ले जाने की क्षमता के रेलवे वैगन का इस्तेमाल किया। उसके बाद डबल-डेकर रैक का इस्तेमाल शुरू हुआ जिसमें 265 कारें ले जाने की क्षमता होती है। इन रैकों के जरिये अब तक 1.4 लाख कारें भेजी जा चुकीं हैं। अब कंपनी 27 रैक का इस्तेमाल कर रही है। इनमें प्रत्येक रैक में 318 कारें भेजी जा सकतीं हैं।

एएफटीओ लाइसेंस वाली पहली कार कंपनी
मारुति ने कहा है कि वह देश की पहली कार निर्माता कंपनी है जिसके पास आटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन आपरेटर (एएफटीओ) लाइसेंस है। वर्तमान में कंपनी पांच टर्मिनल --गुरुग्राम, फारुखनगर, कठुवास, पाटली, डेट्रोज- से कारों का लदान करती है।

Web Title: Maruti transports over 6.7 lakh cars through Indian Railways in 6 years

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