कार, बाइक खरीदते समय खूब सुना होगा ABS और EBD का नाम, आपको दुर्घटना से बचाने का इस तरह से करते हैं ये काम

By रजनीश | Published: March 17, 2020 05:58 PM2020-03-17T17:58:38+5:302020-03-17T17:58:38+5:30

कार या बाइक से होने वाली दुर्घटनाओं में कई बार घटना इस वजह से भी घट जाती है जब सही ढंग से ब्रेक नहीं लग पाता। हम ब्रेक तो लगाते हैं लेकिन किस पहिए को ज्यादा ब्रेक फोर्स चाहिए किस पहिए को कम। ऐसा कर पाने की सुविधा कुछ सालों पहले तक हमारे पास नहीं थी लेकिन अब संभव है।

Know about ABS and EBD How Does It Work | कार, बाइक खरीदते समय खूब सुना होगा ABS और EBD का नाम, आपको दुर्घटना से बचाने का इस तरह से करते हैं ये काम

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsजब अचानक किसी गाड़ी में ब्रेक लगते हैं तो उस वक्त ब्रेक आयल के प्रेशर से ब्रेक पैड पहिये के साथ चिपक जाते हैं और गाड़ी की स्पीड अचानक से कम हो जाती है। यहीं शुरू होता है एबीएस का काम। ईबीडी गाड़ी के वजन और रोड की कंडीशन के मुताबिक अलग-अलग पहिये को अलग-अलग ब्रेक फोर्स देता है जिसकी वजह से गाड़ी ऐसी परिस्थिति में भी नियंत्रण में रहती है और स्किड नहीं होती।

पिछले कुछ सालों में टेक्नॉलॉजी के विकास के साथ ही दो पहिया और चार पहिया वाहनों में कई तरह के सेफ्टी फीचर्स दिए जाने लगे हैं। इनमें से आपने ABS (एबीएस) और EBD (ईबीडी) के बारे में काफी सुना होगा। सरकार ने अब वाहन निर्माता कंपनियों  के लिए गाड़ियों में यह फीचर देना अनिवार्य कर दिया है। तो जान लीजिए कि ABS और EBD क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं... 

ABS
बात करें ABS की तो इसका पूरा नाम एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (Anti-lock Braking System) है। दो-पहिया, चार-पहिया वाहनों में दिया जाने वाला ये फीचर अचानक ब्रेक लगाने पर आपके वाहन को स्किड होने से बचाता है, साथ ही गाड़ी को कंट्रोल करने का काम करता है। 

एबीएस में लगे वाल्व और स्पीड सेंसर की मदद से अचानक ब्रेक लगने पर गाड़ी के पहिये को लॉक होने से बचाते हैं और गाड़ी बिना स्किड हुए कम दूरी में रुक जाती है। सुरक्षा को देखते हुए एबीएस को सरकार ने 125सीसी से ऊपर इंजन क्षमता वाले वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया है। एबीएस में हाइड्रोलिक यूनिट, व्हील स्पीड सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) दिए होते हैं। 

जब अचानक किसी गाड़ी में ब्रेक लगते हैं तो उस वक्त ब्रेक आयल के प्रेशर से ब्रेक पैड पहिये के साथ चिपक जाते हैं और गाड़ी की स्पीड अचानक से कम हो जाती है। यहीं शुरू होता है एबीएस का काम। जैसे ही ब्रेक पैड पहिये को जाम करने लगते हैं उसी समय एबीएस के स्पीड सेंसर बाइक या पहिये की स्पीड का सिग्नल ECU को भेजता है।

ईसीयू सभी पहियों की स्पीड को माप कर हर पहिये की रफ्तार के अनुसार हाइड्रोलिक यूनिट को सिग्नल भेजता है। ईसीयू से सिग्नल मिलने पर हाइड्रोलिक सिस्टम अपना काम शुरू कर देता है। 

हाइड्रोलिक सिस्टम, ईसीयू से मिले हुए सिग्नल के अनुसार हर पहिये की स्पीड के मुताबिक उनपर लगने वाले प्रेशर को कम या ज्यादा करता रहता है। इसके बाद जैसे ही पहिये जाम होने लगते हैं हाइड्रोलिक सिस्टम ब्रेक प्रेशर को थोड़ा कम कर देता है जिससे पहिये फिर से घूमने लगते हैं, और फिर ब्रेक प्रेशर को बढ़ा कर पहिये को रोक देता है।

इस टेक्नॉलॉजी की खास बात यह है कि ये प्रक्रिया सेकंड भर के भीतर कई बार होती हैं और इससे गाड़ी के पहिये इक्ट्ठे जाम नहीं होते और गाड़ी बिना परेशानी के घुमाई भी जा सकती है। 

EBD
ईबीडी (EBD) को इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन कहते हैं। ये एक ऐसा सिस्टम है जिससे गाड़ी की रफ्तार, भार और रोड की स्थिति को देखते हुए, ब्रेक अलग-अलग पहियों पर अलग-अलग ब्रेक फोर्स लगता है। यदि आपने गौर किया हो तो अचानक से ब्रेक लगाने पर गाड़ी आगे की तरफ को दबती या झुकती है।

एक चीज यदि आपने और गौर किया हो जब किसी मोड़ पर गाड़ी को मोड़ते हैं तो गाड़ी का भार भी एक तरफ शिफ्ट हो जाता है। और कभी ऐसी ही स्थिति में अचानक से ब्रेक लगाना पड़ जाए तो इस स्थिति में बिना ईबीडी के गाड़ियों के स्किड होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।

ईबीडी गाड़ी के वजन और रोड की कंडीशन के मुताबिक अलग-अलग पहिये को अलग-अलग ब्रेक फोर्स देता है जिसकी वजह से गाड़ी ऐसी परिस्थिति में भी नियंत्रण में रहती है और स्किड नहीं होती। 

Web Title: Know about ABS and EBD How Does It Work

हॉट व्हील्स से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे