लॉकडाउन का असर: देश के ऑटो डीलर्स पर मंडरा रहा संकट, 7.27 लाख BS-4 वाहन हो जाएंगे कबाड़, जानें पूरा मामला
By आनंद शर्मा | Published: March 26, 2020 09:27 PM2020-03-26T21:27:25+5:302020-03-26T21:27:25+5:30
यदि समय रहते सुप्रीम कोर्ट से ऑटोमोबाइल डीलर्स को राहत नहीं मिली तो लगभग 6350 करोड़ रुपए कीमत के 7.27 लाख बीएस-4 वाहनों के कबाड़ होने की आशंका जताई जा रही है.
नागपुर: पहले से आर्थिक मंदी का सामना कर रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर पर अब कोराना कहर बरपा रहा है. कोरोना वायरस के तेजी से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू कर दिया है. इससे प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय (आरटीओ) में वाहनों के रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, शोरूम भी बंद होने से वाहनों की बिक्री ठप हो गई है.
परिणामस्वरूप देशभर के ऑटोमोबाइल डीलर्स पर आर्थिक संकट मंडराने लगा है. यदि समय रहते सुप्रीम कोर्ट से ऑटोमोबाइल डीलर्स को राहत नहीं मिली तो लगभग 6350 करोड़ रुपए कीमत के 7.27 लाख बीएस-4 वाहनों के कबाड़ होने की आशंका जताई जा रही है.
इस बारे में ऑटोमोबाइल डीलर्स की राष्ट्रीय स्तर की संस्था ‘फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष काले ने लोस से बातचीत में कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉक डाउन घोषित किया गया है. इस सबके बीच, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बीएस-4 वाहनों का आरटीओ रजिस्ट्रेशन 31 मार्च के बाद संभव नहीं हो पाएगा.
अब चूंकि लॉकडाउन लागू है और आरटीओ कार्यालयों में कामकाज बंद है. ऐसी सूरत में देशभर में 6350 करोड़ रुपए कीमत के 7.27 लाख बीएस-4 वाहनों के कबाड़ होने की आशंका बनी हुई है. ऐसा होने पर देश के 15500 ऑटोमोबाइल डीलर्स आर्थिक संकट में आ जाएंगे. इतना ही नहीं, इन डीलर्स द्वारा अपने 26 हजार आउटलेट्स के जरिए बेचे गए ऐसे लगभग 1 लाख से अधिक बीएस-4 वाहनों का भी आरटीओ रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है. ऐसे में इन वाहनों की वैद्यता पर भी तलवार लटक रही है.
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अटकी
आशीष काले का कहना है कि कल तक महाराष्ट्र में आरटीओ कार्यालयों में व्हीकल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी थी. लेकिन लॉक डाउन के चलते ऑटोमोबाइल डीलर्स का स्टाफ आरटीओ कार्यालय में नहीं जा सका. जिन्होंने जाने का प्रयास किया उन पर कार्रवाई हो गई. वहीं, देश के अन्य राज्यों में भी आरटीओ कार्यालयों में कामकाज ठप हो गया है. ऐसी सूरत में बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च तक पूरा होना संभव नहीं है. इससे डीलर्स आर्थिक संकट में आ जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट से है उम्मीद : काले
‘फाडा’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष काले ने बताया कि कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए लागू लॉक डाउन की स्थिति में बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च तक हो पाना संभव न होने से फाडा ने राहत प्रदान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गत सप्ताह और 24 मार्च को अपील दायर की है. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार इस अपील पर 27 मार्च को सुनवाई हो सकती है. फाडा को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट आॅटोमोबाइल डीलर्स को राहत प्रदान कर सकता है.
बॉक्स
शोरूम में रखे नए बीएस-4 वाहनों की स्थिति*
- 7 लाख दुपहिया वाहन ( कीमत रु. 3850 करोड़)
- 15 हजार पैसेंजर वाहन ( कीमत रु. 1050 करोड़)
- 12 हजार कमर्शियल वाहन (कीमत रु. 1440 करोड़)
(* इन वाहनों का आरटीओ रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है. इनके अलावा अब तक बिके लगभग 1 लाख से अधिक वाहनों का भी आरटीओ रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है.)