उत्तर प्रदेश पुलिस का गजब कारनामा, चार पहिया स्कॉर्पियो का बिना हेलमेट ड्राइविंग करने का काटा चालान
By रजनीश | Published: June 24, 2020 04:28 PM2020-06-24T16:28:23+5:302020-06-24T20:05:30+5:30
ट्रैफिक नियम तोड़ने पर काटे जाने वाले चालान की कीमतें सरकार ने काफी समय पहले ही बढ़ा दी है। इसके बाद से लोग ट्रैफिक नियमों को लेकर सतर्क तो हुए हैं लेकिन गलत तरीके से चालान काटने की शिकायतें लगता है कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
देशभर में 1 सितंबर 2019 से लागू नए मोटर व्हीकल एक्ट और ट्रैफिक नियमों में बदलाव के बाद चालान कटने की संख्या खूब बढ़ी। लेकिन इसके साथ ही गलत चालान कटने भी काफी लोगों ने शिकायत दर्ज कराई। हाल ही में एक गलत चालान की घटना सामने आई है। इसमें एक चार पहिया वाहन का चालान बिना हेलमेट के चलाने के नाम पर काटा गया है।
उत्तर प्रदेश के बनारस में रहने वाले विजेंद्र प्रताप सिंह की एसयूवी स्कॉर्पियो का चालान आजमगढ़ में काटा गया। जबकि वाहन मालिक का कहना है कि उनकी कार आजमगढ़ गई ही नहीं।
स्कॉर्पियो का नंबर UP65DJ1234 है और इसका चालान राधे श्याम गुप्ता चालक के नाम पर काटा गया है। इस नाम के किसी भी शख्स को वाहन मालिक नहीं जानते हैं।
स्कॉर्पियो मालिक बनारस के रहने वाले हैं और चालान में उनका पता बंजारी, जमालपुर रामुपर, जौनपुर (उत्तर प्रदेश) दर्शाया गया है। जबकि किसी भी वाहन का रजिस्ट्रेशन वाहन मालिक के एड्रेस प्रूफ पर ही होता है।
एक बात और ध्यान देने वाली है कि चालान में वाहन मालिक का पता जौनपुर दर्शाया गया है जबकि जौनपुर का रजिस्ट्रेशन नंबर UP62 है। वहीं चालान में कार का वास्तविक रजिस्ट्रेशन नंबर UP65 है। यह रजिस्ट्रेशन नंबर बनारस का है।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि चालान में वाहन का जो नंबर दिया गया है वह स्कॉर्पियो का है। अभी तक ऐसा कोई नियम भी नहीं है कि चार पहिया वाहन को चलाने के लिए हेलमेट लगाना जरूरी है। लेकिन चालान में बिना हेलमेट वाहन चलाने और दो-पहिया वाहन पर 2 से अधिक सवारी बैठाने के जुर्म में 800 रुपये का चालान काटा गया है।
पीड़ित के मुताबिक आजमगढ़ ट्रैफिक विभाग के एसपी ने मामले को देखने की बात कही है। हालांकि चालान पुलिस विभाग ने काटा है। उत्तर प्रदेश सरकार के जनसुनवाई पोर्टल पर इस मामले की शिकायत वाहन मालिक ने दर्ज कराया है। लेकिन खबर लिखे जाने तक वहां से कोई जवाब नहीं आया।
गलत तरीके से चालान कटने का यह कोई पहला मामला नहीं है। उत्तर प्रदेश सहित देशभर के कई राज्यों में लोग गलत तरीके से चालान कटने से पीड़ित हैं।