फोर्ड में पैसा लगाएगी महिंद्रा, मंदी के दौर से उबरने की आश, कम हो सकती है गाड़ियों की कीमत
By भाषा | Published: October 2, 2019 11:57 AM2019-10-02T11:57:04+5:302019-10-02T11:57:04+5:30
फोर्ड और महिंद्रा इस ज्वाइंट वेंचर के साथ डेवलपिंग कॉस्ट कम करने और अधिक वाहनों का निर्माण करने के उद्देश्य को पूरा करना चाहते हैं। ये फैसला ऐसे समय लिया गया है जब ऑटो मार्केट में चल रही मंदी के दौरान कंपनियों पर शेयर होल्डर्स का भी दबाव है।
घरेलू वाहन कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने फोर्ड मोटर कंपनी (FMC) की पूर्ण अनुषंगी इकाई फोर्ड इंडिया प्रा लि की बहुलांश हिस्सेदारी (51% शेयर) का करीब 657 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी और कुल मिला कर उसके कारोबार में 1400 करोड़ रुपये लगाएगी। एफएमसी की इकाई भारत में अमेरिकी कंपनी के कारोबार को देखती है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने मंगलवार को इसकी घोषणा की।
नई इकाई भारत में फोर्ड ब्रांड के वाहनों के लिये बाजार का विकास करेगी और वाहनों का वितरण करेगी। संयुक्त उद्यम उच्च वृद्धि वाले उभरते बाजारों में महिंद्रा और फोर्ड कार दोनों की बिक्री करेगी। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि समझौते के तहत महिंद्रा एंड महिंद्रा अमेरिकी वाहन कंपनी की पूर्ण अनुषंगी अर्डर आटोमोटिव प्राइवेट लि. में 657 करोड़ रुपये में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। अर्डर आटोमोटिव अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर की पूर्ण अनुषंगी है। शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी एफएमसी या उससे जुड़ी इकाइयों के पास होगी।
नया उद्यम फोर्ड इंडिया प्राइवेट लि. के वाहन कारोबार का अधिग्रहण करेगी। यह एफएमसी की पूर्ण अनुषंगी है और 1995 से वाहन कारोबार से जुड़ी है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा है कि वह फोर्ड मोटर के भारत के वाहन कारोबार में धन लगाने को प्रतिबद्ध है जो 1400 करोड़ रुपये तक होगा। इसमें कंपनी की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए करीब 657 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल होगा। फोर्ड इंडिया भारत में 1995 से काम कर रही है। इसके चेन्नई और साडंद में दो कारखाने है। फोर्ड इंडिया ने मार्च 31, 2019 में समाप्त वर्ष में 26,324 करोड़ रुपये का कारोबार किया था । यह अधिग्रहण 2020 के मध्य तक पूरा होने की संभावना है।