नीति आयोग के CEO ने कहा- इलेक्ट्रिक वाहन की लागत 3-4 साल में पेट्रोल-डीजल गाड़ियों के बराबर होगी
By भाषा | Published: August 28, 2019 05:46 PM2019-08-28T17:46:13+5:302019-08-28T17:46:13+5:30
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि हमने एक नीतिगत ढांचा तैयार किया है, भविष्य में लोग इलेक्ट्रिक वाहन की ओर जाएंगे। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन दिया गया है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि बैटरी की कीमतों में कमी के कारण अगले तीन-चार साल में इलेक्ट्रिक वाहन की लागत पेट्रोल-डीजल इंजन गाड़ियों के लगभग बराबर हो जाएगी। भारत को पारंपरिक ईंधन वाहन से ई-वाहनों की ओर बढ़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।
कांत ने कहा कि भारत में प्रत्येक 1,000 लोगों के पास 28 कारें हैं। यह अमेरिका और यूरोप की तुलना में काफी कम है, जहां 1,000 लोगों पर क्रमश: 980 और 850 गाडियां है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि भारत में शहरीकरण के और बढ़ने की संभावना है। भविष्य में सब कुछ बिजली से जुड़ा होगा।
नीति आयोग के सीईओ कांत ने सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा कि हम ई-वाहन की ओर बढ़ेंगे क्योंकि बैटरी की कीमत 276 डॉलर प्रति किलोवाट से घटकर 76 डॉलर किलोवाट प्रति घंटा रह जाएगी। अगले तीन से चार साल में ई-वाहन की लागत पारंपरिक डीजल-पेट्रोल इंजन कारों के लगभग बराबर हो जाएगी।
ई-वाहन में आमतौर पर लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा कि जब ऐसा होगा तो जरूरी है कि भारत को उस समय पर्याप्त कठिन परिश्रम करना चाहिए ताकि नियत समय पर हमारे तिपहिया, चार पहिया और बसें सभी इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील हो जाएं। इससे हम कच्चे तेल की खपत में भारी कमी करने में सक्षम होंगे।
कांत ने जोर देकर कहा कि हमने एक नीतिगत ढांचा तैयार किया है, भविष्य में लोग इलेक्ट्रिक वाहन की ओर जाएंगे। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने पेरिस समझौते में कई प्रतिबद्धताएं की है और कुल प्रदूषण में करीब 35 प्रतिशत की कमी करने के लिए अब भी प्रतिबद्ध है। नीति आयोग के सीईओ ने कहा- जलविद्युत, पवन ऊर्जा के संदर्भ में हम जिस गति से बढ़ रहे हैं, हम वास्तव में निर्धारित लक्ष्य को पार कर जाएंगे।