इस शख्स ने 9.55 सेकेंड में 100 मीटर की रेस पूरी कर तोड़ा उसेन बोल्ट का रिकॉर्ड, खेल मंत्री ने ट्रायल के लिए बुलाया
By सुमित राय | Published: February 15, 2020 03:00 PM2020-02-15T15:00:14+5:302020-02-15T15:00:14+5:30
श्रीनिवास का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने 100 मीटर की दौड़ 9.55 सेकेंड में पूरी की है।
कर्नाटक के श्रीनिवास गौड़ा बफेलो रेस (भैंसा दौड़) में 13.62 सेकेंड में 142.50 मीटर दूरी तय करने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। अब श्रीनिवास को केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्रायल के लिए बुलाने का फैसला किया है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर दक्षिण कन्नड़ जिले के मूदाबिदरी के रहने वाले 28 वर्षीय श्रीनिवास का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने 100 मीटर की दौड़ 9.55 सेकेंड में पूरी की है। इसके बाद से ही हर तरफ श्रीनिवास की तारीफ हो रही है।
100 मीटर की दौड़ को 9.55 सेकेंड में पूरा करने के बाद श्रीनिवास की तुलना दुनिया के सबसे तेज धावक उसेन बोल्ट से की जा रही है। बोल्ट के नाम 100 मीटर रेस में 9.58 सेकेंड का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
वीडियो वायरल होने के बाद किरेन रिजिजू ने कहा, 'मैं शीर्ष साई कोच द्वारा परीक्षणों के लिए श्रीनिवास गौड़ा को बुलाऊंगा। ओलंपिक में आम तौर पर एथलेटिक्स के बारे में आमलोगों को सही जानकारी नहीं है, वहां बेहद मानव शक्ति और धीरज को पार पाना होता है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि भारत की किसी भी प्रतिभा के साथ अन्याय न हो।'
किरेन रिजिजू ने ट्वीट करते हुए बताया कि श्रीनिवास का ट्रेन का टिकट हो चुका है और वह सोमवार को साई सेंटर पहुंचेंगे, जहां उनका पूरा ट्रायल किया जाएगा। रिजिजू ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार हर तरह से खिलाड़ियों के लिए काम करना चाहती है।
Yes @PMuralidharRao ji. Officials from SAI have contacted him. His rail ticket is done and he will reach SAI centre on monday. I will ensure top national coaches to conduct his trials properly. We are team @narendramodi ji and will do everything to identity sporting talents! https://t.co/RF7KMfIHAD
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) February 15, 2020
बफेलो रेस कर्नाटक का पारंपरिक खेल है। यह खेल कीचड़ वाले इलाके में आयोजित किया जाता है। कर्नाटक के तटीय इलाको मंगलूरू और उडुपी में यह खेल काफी प्रचलित है। यहां के कई गांवों में कंबाला का आयोजन किया जाता है, जिसमें दर्जनों उत्साही युवा अपनी सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षित भैंसों के साथ भाग लेते हैं।