नई दिल्ली, 18 सितंबर: भारत की स्टार धावक दुती चंद मैदान के बाहर और अंदर के अपने अनुभवों को किताब के जरिये साझा करेंगी जिससे प्रशंसक उनकी अब तक की यात्रा के बारे में जान सकेंगे। वेस्टलैंड बुक्स से प्रकाशित होने वाली इस किताब को 2019 में जारी किये जाने की संभावना है।
इस किताब को पत्रकार और लेखक सुनदीप मिश्रा लिखेंगे जिसमें दुती के गरीबी से निकलकर देश के सबसे सफल धवकों में एक बनने की कहानी होगी। इस किताब में हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति के कारण दुती को हुई परेशानियों और उससे निकलने की भी कहानी होगी। लेखक ने कहा, 'यह कहानी एक महिला के फिर से वापसी करने की कहानी है जिस पर लोगों को विश्वास नहीं था।'
ओड़िशा की इस 22 वर्षीय फर्राटा धाविका को आईएएएफ की हाइपरएंड्रोजेनिज्म नीति (जिसके तहत पुरूष हार्मोन की नियत सीमा अधिक पाये जाने पर महिला खिलाड़ी को प्रतियोगिता में भाग लेने से रोका जाता है) के कारण 2014-15 में खेलने की अनुमति नहीं दी जिसके कारण वह 2014 राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भाग नहीं ले पायी। उन्होंने खेल पंचाट में यह मामला उठाया। आखिर में दुती के पक्ष में फैसला आया और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में वापसी की।
एशियाई खेलों में दुती ने 100 और 200 मीटर दौड़ स्पर्धाओं में रजत पदक अपने नाम किये जिसमें 100 मीटर दौड़ में वह महज 0.02 सेकंड से स्वर्ण पदक से चूक गयी। दूती ने कहा, 'मैंने खुद पर भरोसा करना कभी नहीं छोड़ा। मुझे भगवान पर भरोसा था।'