जकार्ता, 26 अगस्त: भारत के गोविंदन लक्ष्मणन ने इंडोनेशिया में जारी 18वें एशियन गेम्स में इतिहास बनाने के बावजूद ब्रॉन्ज मेडल गंवा दिया। पुरुषों की 10,000 मीटर स्पर्धा के फाइनल में रेस खत्म होने तक तमिलनाडु के गोविंदन तीसरे स्थान पर रहे यह भी पक्का हो गया कि वे ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। हालांकि, एक गलती उन पर भारी पड़ी और तीसरे स्थान पर होने के बावजूद उन्होंने जीता हुए मेडल गंवा दिया।
गोविंदन अगर ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब होते तो वह 1998 के बाद पहली बार इस स्पर्धा में मेडल जीतने वाले भारतीय बन जाते। 20 साल पहले गुलाब चंद ने इसी स्पर्धा में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। बहरहाल, भारतीय एथलेटिक्स संघ ने गोविंदन को डिस्क्वॉलिफाई किये जाने पर विरोध जताया है।
गोविंदन ने 29 मिनट और 44.91 सेकेंड में इस स्पर्धा को पूरा कर तीसरा स्थान हासिल किया लेकिन रेस के कुछ देर बाद यह बात सामने आई कि दौड़ते हुए एक बार उनका पैर गलती से ट्रैक से बाहर हो गया था। इस लिहाज से चौथे स्थान पर रहे चीन के चांगगोंग झाओ ब्रॉन्ज मेडल के हकदार हो गये। इस मेडल के गंवाने के साथ ही भारत के पदकों की संख्या 36 से घटकर 35 हो गई।
बहरीन के हसन चानी ने 28 मिनट और 35.54 सेकेंड का समय लेकर इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। चानी के हमवतन अब्राहम चेरोबन ने 29 मिनट और 00.29 सेकेंड में स्पर्धा पूरी कर सिल्वर मेडल जीता।