दुती चंद ने एशियन गेम्स के 200 मीटर रेस में जीता सिल्वर, पीटी उषा की इस खास मामले में कर ली बराबरी
By विनीत कुमार | Published: August 29, 2018 05:34 PM2018-08-29T17:34:49+5:302018-08-29T17:58:15+5:30
दुती चंद ने महिलाओं की 200 मीटर रेस में 23.20 सेकेंड का समय निकालते हुए सिल्वर मेडल जीता।
जकार्ता, 29 अगस्त: भारत की बेहतरीन महिला फर्राटा रनर दुती चंद ने बुधवार को एक और कमाल करते हुए 18वें एशियन गेम्स में दूसरा मेडल जीत लिया। दुती ने महिलाओं की 200 मीटर रेस में 23.20 सेकेंड का समय निकालते हुए सिल्वर मेडल जीता। इससे पहले दुती जारी एशियन गेम्स के 100 मीटर रेस में भी सिल्वर मेडल भारत को दिला चुकी हैं।
200 मीटर का गोल्ड मेडल बहरीन की एडिडोंग ओडिओंग ने जीता। एडिडोंग ने 22.96 सेकेंड का समय लिया। वहीं, ब्रॉन्ज मेडल चीन की वी योंगली के खाते में गया। दुती चंद 32 साल बाद एशियन गेम्स के 100 और 200 मीटर रेस में मेडल जीतने वाली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं। इससे पहले भारत की स्टार धाविका पीटी उषा ने 1986 में 100 मीटर में सिल्वर और 200 मीटर सहित 400 मीटर में सिल्वर मेडल जीता था।
दुती के सिल्वर के साथ ही भारत के कुल पदकों की संख्या 52 जा पहुंची हैं। इसमें 9 गोल्ड, 20 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल हैं। भारत फिलहाल पदक तालिका में 9वें स्थान पर है। बता दें कि इस एशियन गेम्स में भारत के लिए पदकों के लिहाज से एथलेटिक्स सबसे सफल साबित हुआ है।इस एशियन गेम्स में भारत की झोली में एथलेटिक्स से तीन गोल्ड मेडल आ चुके हैं।
गौरतलब है कि ओडिशा से ताल्लुक रखने वालीं 22 साल की दुती का ये पहला एशियाड था। इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) ने 2014 में अपनी हाइपरएंड्रोगेनिजम नीति के तहत उन्हें निलंबित कर दिया था लेकिन उन्हें खेल पंचाट में अपील दायर की और इस मामले में जीत दर्ज करते हुए वापसी की।
हाल में आईएएएफ के संशोधित नियम के तहत दुती हाइपरएंड्रोगेनिजम नीति के दायरे से बाहर आईं जिससे उन्हें अपना करियर आगे बढ़ाने का मौका मिला।
दुती ने 100 मीटर रेस में मेडल जीतने के बाद कहा था कि ये उनके लिए मेडल से भी बढ़कर है। दुती ने साथ ही कहा था, 'बदला लिया है। मैं 2014 में इतने समस्याओं से घिरी थी। कई लोगों ने मेरे बारे में काफी भला-बुरा कहा। मैंने लेकिन अपना केस लड़ा और अब लौटकर मेडल जीतने में कामयाब हुई हूं। पहले लोग मेरे में बारे बुरा कह रहे थे लेकिन अब वे खुश हैं कि मैंने देश के लिए मेडल जीता है।'