Lokmat Parliamentary Awards 2019: पीयूष गोयल ने कहा- कांग्रेस ने एक व्यक्ति के निजी हित के लिए द्विराष्ट्र के सिद्धान्त को स्वीकारा

By भाषा | Published: December 10, 2019 10:22 PM2019-12-10T22:22:25+5:302019-12-10T22:22:25+5:30

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “वर्ष 1947 में ये कांग्रेस थी, जिसने देश को दो हिस्सों में बांटा। उसने भारत को धर्म के आधार पर विभाजित किया। हमारे भाई और बहन धर्म के आधार पर अलग हो गए।”

Lokmat Parliamentary Awards 2019: Congress accepts two-nation theory for one person's personal interest says Goyal | Lokmat Parliamentary Awards 2019: पीयूष गोयल ने कहा- कांग्रेस ने एक व्यक्ति के निजी हित के लिए द्विराष्ट्र के सिद्धान्त को स्वीकारा

Lokmat Parliamentary Awards 2019

Highlightsगोयल ने कहा कि सरकार द्वारा इस विधेयक को लाना न्यायसंगत है क्योंकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुए हैं। उन्होंने कहा, “हम उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक लाए हैं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम दूसरों को नागरिकता नहीं देंगे।”

Lokmat Parliamentary Awards 2019: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एक व्यक्ति, जो प्रधानमंत्री का पद छोड़ने को नहीं तैयार था, उसके निजी हित के चलते कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर भारत का विभाजन करने वाले द्विराष्ट्र के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, हालांकि समझा जा सकता है कि उनका इशारा जवाहरलाल नेहरू की ओर था।

उन्होंने यहां ‘लोकमत नेशनल कन्क्लेव’ में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का बचाव करते हुए यह बात कही। गोयल ने कहा, “वर्ष 1947 में ये कांग्रेस थी, जिसने देश को दो हिस्सों में बांटा। उसने भारत को धर्म के आधार पर विभाजित किया। हमारे भाई और बहन धर्म के आधार पर अलग हो गए।”

उन्होंने पूछा, “चाहें बांग्लादेश हो या पाकिस्तान, इन दोनों देशों की आधारशिला किसने रखी?” वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि एक व्यक्ति के निजी फायदे के लिए कांग्रेस ने द्विराष्ट्र के सिद्धान्त को स्वीकार कर लिया और महात्मा गांधी इसके खिलाफ थे। उन्होंने आरोप लगाया, “लेकिन कांग्रेस ने एक व्यक्ति के निजी हित के लिए, क्योंकि वह प्रधानमंत्री पद का त्याग करने के लिए तैयार नहीं था, धर्म के आधार पर देश का विभाजन कर दिया।”

नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।

लोकसभा ने सोमवार रात कैब को मंजूरी दे दी। गोयल ने कहा कि सरकार द्वारा इस विधेयक को लाना न्यायसंगत है क्योंकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुए हैं।

उन्होंने कहा, “हम उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक लाए हैं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम दूसरों को नागरिकता नहीं देंगे।”

एनआरसी का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि “घुसपैठियों” को बाहर फेंक दिया जाएगा, जबकि शरणार्थियों को चिंता करने की जरूरत नहीं। रेलवे का परिचालन अनुपात 2017-18 के दौरान पिछले दस साल में सबसे कम रहने पर उन्होंने कहा कि सरकार रेल यात्रा के दौरान सुविधाएं बढ़ाने पर काम कर रही है, जिसके चलते लागत बढ़ी है। इसके अलावा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का असर भी पड़ा है। 

Web Title: Lokmat Parliamentary Awards 2019: Congress accepts two-nation theory for one person's personal interest says Goyal

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