Allahabad High Court: शादी में मिले उपहारों की लिस्ट क्यों है जरूरी, हाईकोर्ट ने बताया

By धीरज मिश्रा | Published: May 15, 2024 02:56 PM2024-05-15T14:56:53+5:302024-05-15T15:00:14+5:30

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा दहेज निषेध नियम, 1985 के मुताबिक, शादी के दौरान मिले गिफ्ट को दहेज नहीं माना जाएगा।

Allahabad High Court judgement on dowry marriage gifts list prepare | Allahabad High Court: शादी में मिले उपहारों की लिस्ट क्यों है जरूरी, हाईकोर्ट ने बताया

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Highlightsहाईकोर्ट ने बताया है कि क्यों ज़रूरी है शादी में मिले गिफ्ट की लिस्ट बनानाइलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा दहेज निषेध नियम, 1985 के मुताबिक, शादी के दौरान मिले गिफ्ट को दहेज नहीं माना जाएगाकोर्ट ने बताया कि गिफ्ट की सूची पर दोनों पक्षों (वर और वधु) के सिग्नेचर भी होने चाहिए

Allahabad High Court: अकसर देखा जाता है कि शादी के बाद दो पक्षों में हुई अनबन के बाद लड़की पक्ष के लोग लड़के पक्ष पर दहेज प्रथा का केस ठोक देते हैं। कई मामलों में देखा जाता है कि लड़के पक्ष को दहेज केस में बेवजह प्रताड़ित किया जाता है। इसलिए शादी के दौरान लड़की पक्ष से मिलने वाले गिफ्ट्स की सूची बना लेनी चाहिए। साथ ही इन गिफ्ट्स पर दोनों पक्ष के लोगों के द्वारा साइन भी करना चाहिए। ताकि भविष्य में झूठे केसों से खुद का बचाव हो सके। इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक टिप्पणी आई है।

हाईकोर्ट बताया है कि क्यों ज़रूरी है शादी में मिले गिफ्ट की लिस्ट बनाना। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा दहेज निषेध नियम, 1985 के मुताबिक, शादी के दौरान मिले गिफ्ट को दहेज नहीं माना जाएगा। लेकिन इन गिफ्ट की सूची बनानी बेहद जरूरी है। क्योंकि अगर बाद में दोनों पक्षों में अनबन हो जाए, तो उन परिस्थितियों में झूठे दहेज का मुकदमा नहीं किया जा सकेगा। इससे यह भी साफ हो जाएगा क्या क्या मिला था।

इससे किसी को भी बेवजह प्रताड़ित नहीं होना पड़ेगा। साथ ही कोर्ट ने बताया कि गिफ्ट की सूची पर दोनों पक्षों (वर और वधु) के सिग्नेचर भी होने चाहिए।

दहेज और उपहार में क्या अंतर है

जस्टिस विक्रम डी. चौहान की बेंच ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम के बारे में कहा कि यह अधिनियम बताता है कि दहेज और शादी में मिलने वाले गिफ्ट्स में क्या अंतर होता है। बेंच ने कहा कि लड़का और लड़की को मिलने वाले गिफ्ट्स दहेज में नहीं आते हैं। दोनों पक्षों के लिए अच्छा यह है कि गिफ्ट्स की एक लिस्ट बना ले। केंद्र सरकार के द्वारा दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1985 इसलिए बनाया गया था क्योंकि भारत में शादियों में गिफ्ट देने का रिवाज है। यहां की परंपरा को देखते हुए गिफ्ट्स् को अलग रखा गया है।

Web Title: Allahabad High Court judgement on dowry marriage gifts list prepare

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