'बेहतर होता अगर 20 साल पहले शरद पवार से अलग हो जाता...', अजित पवार ने चुनावी रैली में चाचा पर साधा निशाना
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 3, 2024 05:21 PM2024-05-03T17:21:06+5:302024-05-03T17:23:39+5:30
महाराष्ट्र के इंदापुर में गुरुवार, 2 मई को एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि बेहतर होता अगर वह 2004 में अपने चाचा शरद पवार से अलग हो गए होते।
Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र के इंदापुर में गुरुवार, 2 मई को एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि बेहतर होता अगर वह 2004 में अपने चाचा शरद पवार से अलग हो गए होते। तब एनसीपी ने अधिक सीटें जीतने के बावजूद सीएम पद नहीं लिया था और कांग्रेस का मुख्यमंत्री बना था। अजित पवार ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के दौरान वर्षों तक अपने चाचा को पिता तुल्य मानते हुए उनकी बात सुनी है और उनके फैसलों पर कभी आपत्ति नहीं जताई, लेकिन इस बार वह देश के विकास के लिए भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन में शामिल हो गए।
अजित पवार ने कहा, "2004 के विधानसभा चुनाव में, एनसीपी ने कांग्रेस से अधिक सीटें जीतीं और विलासराव देशमुख (पूर्व कांग्रेस सीएम) ने मुझसे पूछा कि क्या मैं, आरआर पाटिल या छगन भुजबल सीएम बनेंगे। क्योंकि कम सीटें जीतने के कारण कांग्रेस को सीएम पद का कोई अधिकार नहीं था। लेकिन, हमें बाद में सूचित किया गया कि हमने (एनसीपी) सीएम पद के लिए ऐसा कोई दावा छोड़ दिया है। बदले में हमें चार मंत्रालय और मिलेंगे। मुझे लगता है कि यह बेहतर होता अगर मैंने जो 2023 में किया, वह 2004 में किया होता। लेकिन, अतीत के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है।"
अजित पवार ने यह भी कहा कि लोग अक्सर इस उम्र में शरद पवार से अलग होने के लिए उन पर आरोप लगाते हैं, लेकिन वह वर्षों तक अपने चाचा के साथ रहे और उनके सभी आदेशों का पालन किया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि पवार परिवार के किसी व्यक्ति ने अलग रुख अपनाया है क्योंकि शरद पवार ने पहले भी अपने बड़े भाई वसंतराव पवार के खिलाफ काम किया था। वसंतराव ने 1960 में शेतकारी कामगार पक्ष के टिकट पर बारामती से लोकसभा उपचुनाव लड़ा। पूरा पवार परिवार वसंतराव के लिए प्रचार कर रहा था और केवल एक व्यक्ति (शरद पवार) ने उनके खिलाफ काम किया।
बता दें कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार 02 जुलाई 2023 को अपने कई साथियों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार ने प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। महाराष्ट्र में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सभी की निगाहें बारामती सीट पर टिकी हुई हैं क्योंकि यहां पर मुकाबला पवार बनाम पवार के बीच है। यहां शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के सामने इस बार अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार चुनाव लड़ रही हैं।