Year Ender 2021: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, ब्रिटेन से एक और देश को 'आजादी', ये रहे दुनिया के इस साल के 7 बड़े हलचल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 16, 2021 02:57 PM2021-12-16T14:57:25+5:302021-12-16T14:57:25+5:30
साल 2021 में भी दुनिया कोरोना से जूझती रही। वैक्सीन के आने से जरूर दुनिया को राहत मिली पर भारत में कोरोना की दूसरी लहर और ओमीक्रोन के मामलों ने बताया कि वायरस से जंग अभी आगे भी जारी रहने वाली है।
नई दिल्ली: साल 2021 अब खत्म होने वाला है। पिछले साल कोरोना के खिलाफ शुरू हुई पूरी दुनिया में लड़ाई इस साल भी जारी रही और आशंका है कि अगले साल 2022 में भी ये महामारी लोगों को परेशान कर सकती है। वैसे, वैक्सीन के रूप में मिले हथियार ने कुछ राहत जरूर पहुंचाई है पर महामारी से निकलने का सफर अभी लंबा है। कोरोना के अलावा भी कई और अहम घटनाक्रम रहे जो दुनिया भर में सुर्खियों में रहे, आईए एक बार फिर इन्हें याद करते हैं-
अफगानिस्तान पर तालिबान कब्जा
साल 2021 का ये बेहद अहम घटनाक्रम रहा। अमेरिकी सैनिक करीब 20 साल बाद आखिरकार अफगानिस्तान को छोड़कर चले गए और पीछे नई तबाही इस देश में पहुंच गई। जो बाइडन ने शासन में आते ही साफ कर दिया था कि अमेरिकी सैनिक इस साल अफगानिस्तान छोड़ देंगे। इससे तालिबान का मनोबल बढ़ा और अफगान सैनिकों को मात देते हुए तालिबानी लड़कों का काबुल समेत अफगानिस्तान पर कब्जा हो गया। इस दौरान कई दिल दहलाने वाले दृश्य भी सामने आए। तालिबान के दहशत के आगे देश छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ देखी गई। बदहवासी, भाग-दौड़, हवाई जहाज में घुसने की जद्दोजहद, लोगों की मौत जैसी कई खबरें आई जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया।
कोरोना वैक्सीन ने दी राहत
पिछला साल लगभग सभी देशों के लिए वैक्सीन की उम्मीद में गुजरा। वहीं 2021 शुरू होते ही भारत समेत दुनिया के लगभग सभी देशों में टीकाकरण का कार्यक्रम जोर-शोर से शुरू हुआ। इस दौरान कई देशों में वैक्सीन की कमी, ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन हासिल करने के लिए देशों की कूटनीति आदि बातें भी चर्चा में रही।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर
पिछले साल भारत कोरोना के साये से बहुत हद तक सुरक्षित निकलने में कामयाब रहा था। साल 2021 की शुरुआत में ऐसा लगने लगा था कि भारत इस महामारी से पार पा लेगा पर मार्च और अप्रैल आते-आते कोरोना ने जो रूप दिखाया, उसे देख पूरी दुनिया हैरान रह गई। भारत में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने बहुत कुछ तबाह कर दिया। इस दौरान भारत में एक दिन में चार लाख से अधिक नए मामले भी सामने आए और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों से जो दृश्य पिछले साल सामने आए थे, भारत में वहीं मंजर नजर आया। ऑक्सीजन की कमी, दवाओं की कमी, स्वास्थ्य ढांचे पर जबरदस्त बोझ आदि की वजह से करीब दो से तीन हफ्तों तक पूरे देश में अफरातफरी और हड़कंप का माहौल रहा।
ओमीक्रोन का साया
भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना के साये से बाहर निकलने की उम्मीद जता ही रही थी कि नवंबर के आखिर में वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट की खबर ने सभी को सकते में डाल दिया है। ओमीक्रोन के बारे में और जानकारी को लेकर अभी शोध जारी है। मौजूदा वैक्सीन इस पर कितने प्रभावी है, इसे लेकर भी अभी तस्वीर साफ नहीं है।
यूक्रेन-रूस विवाद से बन रहे जंग के हालात
यूक्रेन के पास रूस द्वारा सैन्य जमावड़ा बढ़ने के बाद अमेरिका सहित पश्चिम उसके खिलाफ लामबंद हैं। हालांकि, रूस ने कहा कि उसका यूक्रेन पर हमले का इरादा नहीं है। उसने यूक्रेन और उसके पश्चिमी समर्थक देशों पर अपने कथित आक्रामक मंसूबे को छिपाते हुए बेबुनियाद दावा करने का आरोप लगाया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में नाटो के विस्तार को रोकने के लिए पश्चिमी देशों द्वारा गारंटी दिए जाने पर भी जोर दिया है।
जो बाइडन बने अमेरिकी राष्ट्रपति
अमेरिका ने पिछले साल के आखिर में अपने इतिहास के सबसे विवादास्पद चुनाव में से एक को देखा। आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप की विदाई हुई और जो बाइडन ने देश के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। वहीं, कमला हैरिस भारतीय मूल की पहली ऐसी महिला बनीं जो अमेरिका की राष्ट्रपति बनीं।
गणतंत्र देश बना बारबाडोस
कैरेबियाई द्वीप का देश बारबाडोस अपने औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए पिछले महीने 30 नवंबर को आधिकारिक तौर पर एक गणतंत्र देश बन गया। बारबाडोस के लोगों के लिए यह खास क्षण था। जमकर आतिशबाजी हुई। पूरे द्वीप में स्क्रीन लगाई गई थी ताकि लोग उस घटना को देख सकें जिसमें कई कलाकारों के साथ एक ऑर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया। इसे ऑनलाइन भी प्रसारित किया गया। ब्रिटेन से 1966 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के 55 साल बाद बारबाडोस एक गणतंत्र बना है।