शी जिनपिंग ने कहा, "इस्लाम को चीन के अनुकूल ढलना होगा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 17, 2022 08:53 PM2022-07-17T20:53:23+5:302022-07-17T20:59:45+5:30
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस्लाम के साथ चीन के संबंधों की व्याख्या करते हुए कह कि देश के मुसलमानों को चीनी परंपरा के मुताबिक ढलने का प्रयास करना चाहिए।
बीजिंग:चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि इस्लाम को चीन के समाजवादी नीतियों के अनुरूप ढलना होगा। उइगर मुस्लिमों के लिए दमन के लिए विश्व में तीखी आलोचना झेल रहे चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने कहा कि चीन में इस्लाम को फलने-फूलने के लिए उसे चीनी परंपरा को अपनाने की जरूरत है।
चीन ने इस्लाम को लेकर इस तरह की कभी कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी थी, इसलिए राष्ट्रपति जिनपिंग का यह बयान काफी सुर्खियों में है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस्लाम के साथ चीन के संबंधों की व्याख्या करते हुए चीनी प्रशासन को इस संबंध में आदेश दिया है कि वे देश के मुसलमानों को चीनी परंपरा के मुताबिक ढालने का प्रयास करें।
चीन के शिनजियांग प्रांत के दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन सभी धर्मों का सम्मान करता है और उन्हें चीन में पूरी आजादी है लेकिन उन्हें चीन की मान्यताओं के अनुसार व्यवहार करने होगा। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह बात उस शिनजियांग प्रांत में कही, जहां पर उइगर मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा है।
चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति जिनपिंग चार दिनों की यात्रा पर शिनजियांग पहुंचे हैं। यहां पहुंचने के बाद राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि चीन हमेशा मजबूत सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने और विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच एकीकरण को बढ़ावा देने पर जोर देता रहा है।
उन्होंने कहा कि इस्लामिक समुदाय को चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और बढ़ानी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें यह भी कहा कि विभिन्न समुदाय को आपसी संवाद कायम करने के लिए प्रयास करना चाहिए। शी ने धार्मिक मुद्दों के साथ-साथ प्राशासनिक क्षमता में सुधार लाने के लिए धर्मों के विकास पर बल दिया।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीनी पूरी दुनिया में सबसे मजबूती और प्रतिबद्धता के साथ कम्युनिस्ट विचारधारा को आगे लेकर चल रहा है। ऐसे में चीन के मुस्लिमों को भी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट विचाधारा के हिसाब से ढलने की जरूरत है। चीनी राष्ट्रपति ने सथ में यह भी कहा कि अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों की सामान्य धार्मिक जरूरतों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मालूम हो कि लगभग दशकों से चीन मुस्लिम समुदाय को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के अनुरूप जबरन ढालने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए चीन उइगर मुसलमानों को सामूहिक रूप से कैद और अन्य तरह की यातनाएं दे रहा है लेकिन दुनिया के इस्लामिक देश चीन में हो रहे मुसलमानों पर खामोशी अख्तियार किये हुए हैं। वहीं चीन भी लगातार उइगर मुसलमानों के खिलाफ हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को खारिज करता रहे है।