नाक से दी जाने वाली कोविड वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बना चीन, इस कंपनी ने किया है तैयार
By विनीत कुमार | Published: September 5, 2022 11:48 AM2022-09-05T11:48:05+5:302022-09-05T12:17:36+5:30
चीन ने दुनिया के पहले ऐसे कोविड वैक्सीन को मंजूरी दे दी है, जिसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होगा। इसे सांसों के जरिए किसी भी शख्स के शरीर में पहुंचाया जाएगा।
बीजिंग: चीन इंजेक्शन की बजाय सांसों द्वारा दिए जाने वाले कोविड वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस कोविड टीके को तियानजिन स्थित कैनसिनो बायोलॉजिक्स इंक द्वारा बनाया गया है। टीके को मंजूरी मिलने के बाद कंपनी के शेयरों में हांगकांग में सोमवार सुबह 14.5% तक का उछाल आ गया।
कंपनी ने रविवार को हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज को दिए एक बयान में कहा कि चीन के राष्ट्रीय चिकित्सा उत्पाद प्रशासन ने कैनसिनो के Ad5-nCoV को बूस्टर वैक्सीन के रूप में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।
वैक्सीन कैनसिनो की एक शॉट वाली कोविड दवा का एक नया संस्करण है। एक इंजेक्शन वाले इस वैक्सीन का मार्च 2020 में मानवों पर परीक्षण शुरू हुआ था। उस समय भी ऐसा करने वाली ये दुनिया की पहली कंपनी थी। फरवरी 2021 में इसे लगाने की मंजूरी के बाद से कंपनी के वैक्सीन को चीन, मैक्सिको, पाकिस्तान, मलेशिया और हंगरी में इस्तेमाल किया गया है।
कैनसिनो का पहला वन-शॉट वैक्सीन कोविड -19 लक्षणों को रोकने में 66% और गंभीर बीमारी के खिलाफ 91% प्रभावी पाया गया था। हालांकि यह चीन के बाहर उपयोग में सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड और सिनोफार्म ग्रुप कंपनी के टीकों से पीछे था। चीन द्वारा दुनिया के कई देशों में भेजी गई 770 मिलियन खुराक में से अधिकांश इन दो कंपनियों से थे।
भारत में भी इंट्रानेजल कोविड 19 वैक्सीन को लेकर ट्रायल जारी हैं। भारत बायोटेक ने इसे तैयार किया है और इसके ट्रायल लगभग पूरे हो चुके हैं। जानकार मानते हैं कि नेजल वैक्सीन कोविड को खत्म करने में ज्यादा कारगर साबित होंगे। यह खासकर वायरस की ट्रांसमिशन चेन को रोकने में काफी मददगार साबित होगा क्योंकि इसे नाक से दिया जाएगा। यह सुई रहित होगी तो कई लोग जो इंजेक्शन से डरते हैं, वे भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
चीन में अभी भी कोरोना का प्रकोप
कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत चीन में अभी भी कई जगहों पर लॉकडाउन का सामना करना पड़ रहा है। इसी महीने की शुरुआत में चीन के दक्षिण-पश्चिमी शहर चेंगदू में लॉकडाउन लगाया गया, जिसके चलते दो करोड़ से अधिक लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। सिचुआन प्रांत के चेंगदू शहर के निवासियों को घरों में ही रहने को कहा गया है जबकि शहर से आने-जाने वाली 70 प्रतिशत उड़ानों को निलंबित कर दिया गया।
अधिकारियों ने स्कूल के नये सत्र की शुरुआत को टाल दिया है। हालांकि, सार्वजनिक परिवहन का संचालन जारी है और नागरिकों को विशेष आवश्यकता की सूरत में शहर छोड़ने की अनुमति है। 24 घंटे के भीतर की वायरस जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर किसी परिवार के एक सदस्य को आवश्यक चीजें खरीदने के लिए बाहर निकलने की अनुमति रहेगी।