विदेशी सैनिकों की वापसी, तालिबान के नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान में नयी हकीकत स्थापित:इमरान खान

By भाषा | Updated: September 17, 2021 18:35 IST2021-09-17T18:35:35+5:302021-09-17T18:35:35+5:30

Withdrawal of foreign troops, new reality established in Afghanistan after Taliban control: Imran Khan | विदेशी सैनिकों की वापसी, तालिबान के नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान में नयी हकीकत स्थापित:इमरान खान

विदेशी सैनिकों की वापसी, तालिबान के नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान में नयी हकीकत स्थापित:इमरान खान

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 17 सितंबर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि काबुल में सत्ता पर तालिबान के कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में एक ‘नयी हकीकत’ स्थापित हुई है और अब यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक हित में है कि कोई नया संघर्ष नहीं हो तथा वह आतंकवादियों के लिए फिर कभी सुरक्षित पनाहगाह नहीं बने।

ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में 20 वीं शंघाई सहयोग संगठन राष्ट्राध्यक्ष परिषद (एससीओ-एसीएचएस) को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि विश्व के लिए यह राहत की बात होनी चाहिए कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद और वहां से विदेशी सैनिकों की पूर्ण वापसी ‘रक्तपात एवं गृहयुद्ध के बगैर तथा शरणार्थियों के बड़े पैमाने पर पलायन के बगैर’ हुई।

खान ने कहा कि एक शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान से पाकिस्तान का हित जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती सरकार को अचानक अपदस्थ कर दिये जाने, तालिबान द्वारा शासन की बागडोर अपने हाथों में लेने और विदेशी सैनिकों की पूर्ण वापसी ने हर किसी को हैरान कर दिया, जिसने एक नयी हकीकत स्थापित की है। ’’

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में कोई नया संघर्ष नहीं हो और सुरक्षा स्थिति स्थिर हो, यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक हित में है।

खान ने कहा कि साथ ही समान रूप से फौरी प्राथमिकता मानवीय संकट और आर्थिक मंदी को रोकना है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अवश्य याद रखना चाहिए कि पूर्ववर्ती सरकार विदेशी सहायता पर अत्यधिक निर्भर रही थी और इसे हटाये जाने के बाद अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो सकती है। यह वक्त अफगान लोगों के साथ दृढ़ता से खड़े होने का है। ’’

उन्होंने कहा कि तालिबान शासकों को अपने वादों को अवश्य पूरा करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘तालिबान को समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए किये गये वादों को अवश्य पूरा करना चाहिए, जहां सभी जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व हो। यह अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए जरूरी है। ’’

खान ने कहा कि अफगानिस्तान को बाहर से नियंत्रित नहीं किया जा सकता।

वहीं, कोविड-19 की उत्पत्ति से जुड़े एक सवाल के जवाब में खान ने पाकिस्तान के पक्के दोस्त चीन का बचाव किया।

उन्होंने कहा, ‘‘वायरस की उत्पत्ति के सवाल को राजनीतिक रंग देने की कोशिशें नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह ऐसे वक्त में विभाजन पैदा करेगा जब विश्व को एकजुट होने की जरूरत है। ’’

खान ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कोशिशों के बावजूद आतंकवाद द्वारा पैदा किये गये खतरे अब भी मौजूद हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद को किसी एक धर्म से जोड़े जाने ने दुनिया भर में धुर दक्षिणपंथी व किसी एक धर्म के सर्वोच्च होने को मानने वालों को प्रभाव फैलाने में मदद की है। ’’

खान ने किसी अन्य देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कुछ मामलों में, इस तरह के अतिवादी और कट्टर विचारधाराओं ने तथाकथित लोकतंत्रों में सत्ता पर कब्जा करने में मदद की है।’’

आठ देशों, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान का समूह एससीओ दुशांबे में अपना 21 वां शिखर सम्मेलन कर रहा है।

अफगानिस्तान, एससीओ में एक पर्यवेक्षक है।

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Web Title: Withdrawal of foreign troops, new reality established in Afghanistan after Taliban control: Imran Khan

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