विंटर ओलम्पिक्स: साउथ कोरिया के पदक विजेताओं को सेना में न जाने की छूट
By IANS | Published: February 27, 2018 09:44 AM2018-02-27T09:44:40+5:302018-02-27T09:44:40+5:30
दक्षिण कोरिया में 18 से 35 वर्षो के बीच केसभी पुरुषों को सेना में दो साल के लिए कार्य करना अनिवार्य है लेकिन ओलम्पिक में पदक या एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को इसमें छूट दी गई है।
प्योंगचांग शीतकालीन ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने वाले दक्षिण कोरियाई खिलाड़ियों को सेना में न जाने की छूट मिलेगी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। दक्षिण कोरिया में 18 से 35 वर्षो के बीच केसभी पुरुषों को सेना में दो साल के लिए कार्य करना अनिवार्य है लेकिन ओलम्पिक में पदक या एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को इसमें छूट दी गई है।
शीतकालीन ओलम्पिक में पदक जीतने वाले सात खिलाड़ी, स्केलेटन स्लाइडर यून सूंग-बिन, बोबस्लेडर सियो यंग-वू, स्पीड स्केटर चा मिन-क्यू, किम ताय-यून एवं जाए-वून और शॉर्ट ट्रैकर लिम हायो-जुन एवं वांग दाए-हीयोन को तकनीकी रूप से सेनो से छूट नहीं दी गई है लेकिन उनके साथियों के विपरीत उन्हें सेनावास में रहने या पूरी ट्रेनिंग करने की जरूरत नहीं है। इस खिलाड़ियों को केवल चार सप्ताह का बुनियादी प्रशिक्षण लेना है।
प्रशिक्षण के बाद वह भर्ती कानून के तहत कला एवं खेल में सैनिक बनेंगे। आधिकारिक रूप से वह दो वर्षो और दस महीनों के लिए सैनिक होंगे लेकिन वह अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं एवं अपने क्लब के लिए प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।