'भारत एक जीवंत लोकतंत्र है, दिल्ली जाकर खुद देख लीजिए', पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले व्हाइट हाउस का बयान
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 6, 2023 10:07 AM2023-06-06T10:07:29+5:302023-06-06T10:09:37+5:30
व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में सामरिक संचार के लिए बातचीत के दौरान व्हाइट हाउस में समन्वयक जॉन किर्बी से भारतीय लोकतंत्र के बारे में सवाल पूछा गया। जवाब में जॉन किर्बी ने कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और नई दिल्ली आने वाला कोई भी व्यक्ति इसे खुद देख सकता है।
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस की तरफ से दिया गया एक बयान चर्चा में है। व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में सामरिक संचार के लिए बातचीत के दौरान व्हाइट हाउस में समन्वयक जॉन किर्बी से भारतीय लोकतंत्र के बारे में सवाल पूछा गया। जवाब में जॉन किर्बी ने कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और नई दिल्ली आने वाला कोई भी व्यक्ति इसे खुद देख सकता है।
उन्होंने कहा, "भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और हम उम्मीद करते हैं कि लोकतांत्रिक संस्थानों की मजबूती को लेकर चर्चा आगे भी होती रहेगी।" व्हाइट हाउस का ये बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका यात्रा पर हैं और वहां भारत में लोकतंत्र का स्थिति पर कई बयान दे चुके हैं।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस के समन्वयक जॉन किर्बी ने आगे कहा कि हम अपने दोस्तों के साथ अपनी चिंताओं को जाहिर करते हुए शर्माते नहीं हैं। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि यह दौरा दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए बेहद अहम है।
जॉन किर्बी ने आगे कहा,"भारत कई स्तरों पर अमेरिका का मजबूत सहयोगी है। उन्होंने कहा कि शंगरी-ला सम्मेलन में भी डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने एलान किया था कि भारत के साथ रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा। दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ रहा है, साथ ही भारत हिंद-प्रशांत महासागर की सुरक्षा के लिए गठित क्वाड का अहम सहयोगी है। ऐसी कई वजह है, जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि भारत ना सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों बल्कि बहुपक्षीय संबंधों के लिहाज से भी अमेरिका के लिए अहम सहयोगी है।"
बता दें कि पीएम मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हो सकते हैं। सबसे ज्यादा नजर भारतीय तेजस विमानों के लिए अमेरिकी जेट इंजन से जुड़े समझौते पर है। साथ ही रक्षा क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं।