लाइव न्यूज़ :

इजराइल में मतदान शुरू, नेतन्याहू का राजनीतिक भविष्य दांव पर

By भाषा | Updated: March 23, 2021 12:12 IST

Open in App

यरुशलम, 23 मार्च (एपी) दो साल में चौथे संसदीय चुनाव के लिए इजराइल में मंगलवार को मतदान शुरू हो गया। इसे मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कथित विभाजनकारी शासन को लेकर जनमत संग्रह माना जा रहा है।

चुनावी सर्वेक्षण के मुताबिक इजराइल के इस चुनाव में कड़ा मुकाबला है।

इस चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया गया और महामारी के बीच आखिरी दौर में टेलीविजन साक्षात्कार एवं शॉपिंग मॉल में, बाजार में नेताओं ने उपस्थित होकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की।

अंतिम समय में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए नेताओं ने एसएमएस और फोन कॉल का सहारा लिया।

इस चुनाव में नेतन्याहू ने खुद को ऐसे वैश्विक नेता के रूप में पेश किया जो देश की सुरक्षा एवं राजनयिक चुनौतियों से निपट सकता है।

वह इजराइल में कोविड-19 टीके की सफलता और अरब देशों के साथ राजनयिक संबंध सुधारने के दम पर चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं।

वहीं नेतन्याहू के विरोधी उन पर गत एक साल में कोरोना वायरस के दौरान कुप्रबंधन का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि नेतन्याहू अपनी घोर रूढ़िवादी राजनीतिक रैलियों पर रोक लगने में नाकाम रहे जिससे वायरस का प्रसार हुआ। वे देश की खराब अर्थव्यवस्था, और बेरोजगारी को भी मुद्दा बना रहे हैं।

विरोधियों का कहना है कि नेतन्याहू ऐसे समय पर शासन करने के योग्य नहीं हैं जब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं। हालांकि नेतन्याहू ने इन आरोपों से इनकार किया है।

जानकारों के मुताबिक, इस बार करीब 15 प्रतिशत मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्रों से बाहर मतदान करेंगे।

सरकार ने सुरक्षित मतदान कराने के लिए विशेष मतदान केंद्र बनाए हैं और वाहनों की तैनाती की गई है।

यरुशलम में अलग से मतगणना होगी जिससे अंतिम नतीजे आने में देरी होगी। कड़े मुकाबले और बड़ी संख्या में अनिर्णय की स्थिति में रहने वाले मतदाताओं की वजह से छोटी पार्टियां 3.25 प्रतिशत न्यूनतम मत हासिल कर संसद में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इसकी वजह से अंतिम नतीजों के लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।

उल्लेखनीय है कि इजराइली नागरिक पार्टी के लिए मतदान करते हैं, उम्मीदवार के लिए नहीं और गत 72 साल के इतिहास में कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने में सफल नहीं हुई है।

संसदीय चुनाव में नेतन्याहू के अतिरिक्त, याईर लपिड, गिडियन सार और नफ्ताली बेनेट सत्ता के प्रमुख दावेदार हैं।

नेतन्याहू, सबसे लंबे समय तक (पांच बार) देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।

चुनावी सर्वेक्षणों के अनुसार, उनकी पार्टी ‘लिकुड’ और उसके सहयोगी दलों को बहुमत से कम पर संतोष करना पड़ सकता है।

विपक्षी दल के नेता याईर लपिड ने रक्षा मंत्री बेनी गांट्ज के सहयोग से पिछले साल चुनाव लड़ा था लेकिन नेतन्याहू और गांट्ज के बीच सत्ता की साझेदारी को लेकर हुए समझौते के बाद वह पीछे हट गए थे।

इस बार उन्होंने नेतन्याहू को हराने का दावा करते हुए प्रचार किया है।

पूर्व शिक्षा मंत्री गिडियन सार को कभी नेतन्याहू का उत्तराधिकारी माना जाता था लेकिन उन्होंने सत्ताधारी दल से अलग होकर लिकुड पार्टी के पूर्व नेताओं के साथ मिलकर नया दल ‘ए न्यू होप’ बनाया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND Vs SA 2nd T20I: सूर्यकुमार यादव ने दूसरे T20I में हार के बाद खुद पर और शुभमन गिल पर दोष मढ़ा, बोले, 'अभिषेक हमेशा ऐसा नहीं चल सकते'

क्रिकेटIND Vs SA 2nd T20I: मुल्लांपुर में भारत की हार, साउथ अफ्रीका ने 51 रन से जीत के साथ सीरीज 1-1 से बराबर की

क्रिकेटIND vs SA 2nd T20 Highlights: 51 रनों से जीती साउथ अफ्रीका, 162 पर ऑलआउट टीम इंडिया

क्रिकेटIND vs SA 2nd T20: 7 छक्के 5 चौके, क्विंटन डी कॉक के तूफान में उड़े भारतीय गेंदबाज, 90 रनों की शानदार पारी

क्रिकेटIndia vs South Africa 2nd T20I: 48 गेंद, 0 विकेट और 99 रन, जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह पर बरसे अफ्रीकी बल्लेबाज

विश्व अधिक खबरें

विश्वअगर ट्रंप अपनी नीति में बदलाव नहीं करते, तो भारत को खो देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बनेंगे?, सांसद सिंडी कमलागर डोव ने कहा- सबसे बेहतर दोस्त...

विश्वडोनाल्ड ट्रंप ने लॉन्च किया 'गोल्ड कार्ड' वीजा प्रोग्राम, अमेरिकी नागरिकता पाने के लिए देने होंगे 10 लाख; जानें क्या है ये

विश्वसोशल मीडिया बैन, 16 साल से बच्चों पर लागू, फेसबुक, इंस्टाग्राम, किक, रेडिट, स्नैपचैट, थ्रेड्स, टिकटॉक, एक्स, यूट्यूब और ट्विच जल्दी हटाएं नहीं तो 3.29 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुर्माना

विश्वInternational Human Rights Day 2025: 10 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस? जानें क्या है महत्व

विश्वट्रम्प की इससे ज्यादा बेइज्जती और क्या हो सकती है ?