दलाई लामा का उत्तराधिकारी मामलाः चीनी अफसरों के खिलाफ प्रतिबंध पर अमेरिकी सदन में विधेयक पारित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 29, 2020 07:46 PM2020-01-29T19:46:52+5:302020-01-29T20:52:43+5:30

इस बिल की वजह से चीन और अम‍ेरिका के बीच नए सिरे से तनाव पैदा हो सकता है। इस नए बिल के तहत अमेरिका उन चीनी अधिकारियों को बैन कर देगा जो दलाई लामा के उत्‍तराधिकारी वाले मुद्दे में हस्‍तक्षेप करेंगे।

US House passes bill to support Tibet, warns sanctions on Chinese officials for interfering in Dalai Lama's succession | दलाई लामा का उत्तराधिकारी मामलाः चीनी अफसरों के खिलाफ प्रतिबंध पर अमेरिकी सदन में विधेयक पारित

इस बिल के पक्ष में 322 वोट्स पड़े तो विरोध में 22 वोट दर्ज किए गए।

Highlightsजो बिल सभा में पास हुआ है उसे अमेरिकी कांग्रेस के जेम्‍स पी मैकगोवन की तरफ से लाया गया था।मैकगोवन, चीन पर बनी हाउस रूल्‍स कमेटी और कांग्रेसनल एग्जिक्‍यूटिव कमीशन के चेयरमैन हैं।

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने भारत में रह रहे निर्वासित तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने वाले चीनी अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय और यात्रा प्रतिबंध के लिये अधिकृत करने वाला एक विधेयक पारित किया है।

सदन की नियम समिति और चीन पर संसदीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष सांसद जेम्स पी मैक्गोवर्न ने विधेयक पेश किया जिसे मंगलवार को 22 के मुकाबले 322 मतों के बहुमत से पारित किया गया। यह विधेयक अगर सीनेट में पारित हो जाता है और राष्ट्रपति कानून बनाने के लिये इस पर दस्तखत कर देते हैं तो चीन अमेरिका में तब तक कोई वाणिज्य दूतावास नहीं खोल पाएगा जब तक वह अमेरिका को तिब्बत की राजधानी लाह्सा में कूटनीतिक केंद्र खोलने की इजाजत नहीं देता।

विधेयक के मुताबिक 15वें दलाई लामा समेत तिब्बती बौद्ध गुरु का उत्तराधिकार एक विशिष्ट धार्मिक मामला है जिसका फैसला सिर्फ तिब्बती बौद्ध समुदाय द्वारा किया जाना चाहिए। मसौदा कानून के तहत चीनी अधिकारी अगर बीजिंग द्वारा मंजूर किये गए दलाई लामा की “पहचान या उसे स्थापित” करने में संलिप्त पाए गए तो अमेरिका उनकी अमेरिकी संपत्ति के लेनदेन और उनकी अमेरिका यात्रा पर रोक लगा देगा।

इस बीच बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह विधेयक “चीन के आंतरिक मामलों में पूरी तरह हस्तक्षेप” करता है। उसने अमेरिका से कहा कि वह दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग और विश्वास को बढ़ाने की दिशा में काम करे न कि इसके विपरीत।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के उताराधिकारी के चयन में चीनी हस्तक्षेप पर एक विधेयक पारित किया है। तिब्बतियों के लिए ये एक ऐतिहासिक जीत कही जा सकती है। विधेयक पारित होने के साथ ही अब अगर चीन, तिब्बती बौद्ध उत्तराधिकार प्रथाओं के साथ हस्तक्षेप करता है तो उस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। 

इस बिल की वजह से चीन और अम‍ेरिका के बीच नए सिरे से तनाव पैदा हो सकता है। इस नए बिल के तहत अमेरिका उन चीनी अधिकारियों को बैन कर देगा जो दलाई लामा के उत्‍तराधिकारी वाले मुद्दे में हस्‍तक्षेप करेंगे।

जो बिल सभा में पास हुआ है उसे अमेरिकी कांग्रेस के जेम्‍स पी मैकगोवन की तरफ से लाया गया था। मैकगोवन, चीन पर बनी हाउस रूल्‍स कमेटी और कांग्रेसनल एग्जिक्‍यूटिव कमीशन के चेयरमैन हैं।

इस बिल के पक्ष में 322 वोट्स पड़े तो विरोध में 22 वोट दर्ज किए गए। अब इस बिल को अगर सीनेट की मंजूरी मिली तो फिर इसे साइन के लिए राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के पास भेजा जाएगा। बिल में चीन को अमेरिका में नए दूतावास खोलने की मंजूरी तब तक नहीं होगी जब तक अमेरिका को ल्‍हासा में दूतावास की मंजूरी चीन नहीं देता।

बिल के मुताबिक तिब्‍बती बौद्ध नेता के उत्‍तराधिकार या फिर पुर्नजन्‍म जिसमें 15वें दलाई लामा का मसला भी शामिल है, पूरी तरह से एक धार्मिक मुद्दा माना गया है। बिल में कहा गया है कि इस मुद्दे को पूरी तरह से तिब्‍बत के बौद्ध समुदाय की तरफ से ही सुलझाया जाना चाहिए।

कानून का जो मसौदा तैयार किया गया है, उसके मुताबिक दलाई लामा के मामले में हस्‍तक्षेप करने का दोषी पाए जाने पर किसी भी अमेरिकी की संपत्ति को सीज किया जा सकता है। साथ ही चीनी अधिकारी को भी अमेरिका आने से रोका जा सकता है। सदन को संबोधित करते हुए स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि इस बिल के बाद चीन को स्‍पष्‍ट संदेश मिल जाएगा कि अगर उसने तिब्‍बत के धार्मिक या फिर सांस्‍कृतिक मामलों में हस्‍तक्षेप किया तो फिर उसे इसका दोषी ठ‍हराया जाएगा।

चीन ने ऐसे संकेत दिए हैं कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन चीन ही करेगा। चीन की इन चालाकियों को देखते हुए दलाई लामा ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि परंपरा को तोड़ते हुए वह खुद अपने उत्तराधिकारी का चयन कर सकते हैं। अमेरिका पहले ही इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सामने रखने की मांग कर चुका है।

मामले पर अमेरिका की पहले से नजर है। पिछले साल US दूत सैम ब्राउनबैक ने धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात की थी। 84 वर्षीय दलाई लामा से मीटिंग के बाद ब्राउनबैक ने कहा था कि दोनों के बीच उत्तराधिकारी के मामले पर लंबी चर्चा हुई थी। ब्राउनबैक ने तब बताया था कि उन्होंने दलाई लामा से कहा कि अमेरिका इस बात के लिए वैश्विक स्तर पर समर्थन हासिल करने की कोशिश करेगा कि अगले आध्यात्मिक नेता का चयन चीन सरकार नहीं बल्कि बौद्ध धर्म के अनुयाई तिब्बती करें।

Web Title: US House passes bill to support Tibet, warns sanctions on Chinese officials for interfering in Dalai Lama's succession

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे