पत्रकार ने टीवी पर राष्ट्रपति के लिए किया तुर्की मुहावरे का प्रयोग, अदालत ने अवमानना के लिए भेज दिया जेल
By विनीत कुमार | Published: January 24, 2022 12:32 PM2022-01-24T12:32:52+5:302022-01-24T12:36:11+5:30
तुर्की में एक महिला पत्रकार सेदेफ काबास (Sedef Kabas) को कथित तौर पर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन का लाइव टीवी पर अपमान करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
इस्तांबुल: तुर्की के एक कोर्ट ने देश के राष्ट्रपति का कथित तौर पर अपमान करने के लिए जानी-मानी पत्रकार सेदेफ काबास को जेल में भेज दिया है। काबास को शनिवार को इस्तांबुल में गिरफ्तार किया गया था और एक अदालत ने उन पर मुकदमे से पहले जेल भेजने का आदेश दिया।
काबास पर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन का एक कहावत के साथ अपमान करने का आरोप है। काबास ने इस कहावत को लाइव टेलिविजन प्रसारण के दौरान कहा। आरोपों के अनुसार जिस चैनल पर उन्होंने राष्ट्रपति को लेकर बातें कही, वह विपक्ष से जुड़ा है।
हालांकि काबास ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों से इनकार किया है। काबास को जिन आरोपों के तहत पकड़ा गया है, उसमें एक से चार साल के जेल की सजा का प्रावधान है।
काबास के किस मुहावरे पर मचा बवाल?
काबास ने Tele1 चैनल पर कहा था, 'एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है कि सिर पर ताज रखने वाला समझदार हो जाता है। लेकिन हम देख सकते हैं कि ये सच नहीं है।' उन्होंने आगे कहा था, 'एक बैल महल में प्रवेश करने से राजा नहीं बन जाता, बल्कि महल खलिहान बन जाता है।' काबास ने बाद में अपनी कही बातों को ट्विटर पर भी साझा किया।
इस पर एर्दोगन के मुख्य प्रवक्ता फाहरेट्टिन अल्तुन ने काबास की टिप्पणियों को 'गैर-जिम्मेदाराना बताया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'एक तथाकथित पत्रकार एक ऐसे टेलीविजन चैनल पर हमारे राष्ट्रपति का खुले तौर पर अपमान कर रहा है, जिसका सिवाय नफरत फैलाने के कोई लक्ष्य नहीं है।'
काबास ने बहरहाल अदालती में दिए बयान में राष्ट्रपति का अपमान करने के इरादे वाले आरोपों से इनकार किया है। Tele1 चैनल के संपादक मर्डन यानरडाग ने भी काबस की गिरफ्तारी की आलोचना की है।
उन्होंने कहा, 'एक कहावत की वजह से रात दो बजे काबास की गिरफ्तारी अस्वीकार्य है। यह रुख पत्रकारों, मीडिया और समाज को डराने का एक प्रयास है।' गौरतलब है कि एर्दोगन के राष्ट्रपति बनने के बाद से हजारों लोगों पर उनके अपमान का आरोप लगाया गया है। साल 2020 में इस आरोप से संबंधित 31,000 से अधिक जांच दर्ज की गई थी।