तुर्की ने अमेरिकी धमकियों को किया नजरअंदाज, रूस के साथ करने जा रहा है S-400 की डील
By विकास कुमार | Published: May 5, 2019 08:13 PM2019-05-05T20:13:35+5:302019-05-05T20:13:35+5:30
अमेरिका ने तुर्की को यहां तक कह दिया है कि अगर वो यह डील करता है तो अमेरिकी F-35 विमान तुर्की की धरती पर कभी नहीं उतरेगा. यह विमान पांचवीं पीढ़ी का सबसे उन्नत फाइटर जेट है जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है.
तुर्की ने रूस से मिसाइल खरीद पर आगे बढ़ने पर अमेरिका द्वारा उस पर प्रतिबंध लगाने की धमकियों को खारिज करते हुए रविवार को कहा कि वह मास्को को किए वादे से पीछे नहीं हटेगा. अमेरिका ने कहा है कि यदि तुर्की ने रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली हासिल किया तो वह उसके साथ संयुक्त एफ - 35 कार्यक्रम रोक देगा.
तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकते ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘प्रतिबंधों की अमेरिकी धमकियों से यह जाहिर होता है कि वे लोग तुर्की को नहीं जानते हैं.’’ अंकारा ने कहा है कि रूसी मिसाइल प्रणाली एस - 400 की प्रथम आपूर्ति जून या जुलाई में होने का कार्यक्रम है.
रूस के साथ है क़रार
तुर्की ने रूस से S-400 लॉन्ग रेंज एंटी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम हासिल करने का करार किया है. अमेरिका ने इसके लिए तुर्की को धमकी दी है कि अगर वो यह तकनीक हासिल करता है तो उसके द्वारा कई तरह के आर्थिक प्रतिबन्ध लगाये जायेंगे. तुर्की ने भी डील से पीछे नहीं हटने का मन बनाया है. रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से इसके लिए प्रतिबद्धिता जताई है.
अमेरिका ने तुर्की को यहां तक कह दिया है कि अगर वो यह डील करता है तो अमेरिकी F-35 विमान तुर्की की धरती पर कभी नहीं उतरेगा. यह विमान पांचवीं पीढ़ी का सबसे उन्नत फाइटर जेट है जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है.
S-400 डील बन सकती है आफ़त
तुर्की और रूस के बीच हो रहे S-400 की डील से पाकिस्तान का बड़ा नुकसान हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि तुर्की और पाकिस्तान के बीच T-129 हेलिकॉप्टर की डील हुई है जो मल्टी रोल काम्बिंग और अटैकिंग हेलिकॉप्टर है. पाकिस्तान और तुर्की के बीच यह करार 1.1 बिलियन डॉलर में हुई है. लेकिन इस डील पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
दरअसल इस डील के लिए तुर्की को अमेरिका से एक्सपोर्ट कागजात पर हस्ताक्षर की जरूरत पड़ेगी लेकिन अमेरिका S-400 की डील के कारण पहले ही तुर्की पर कई तरह के प्रतिबंधों की प्लानिंग कर चुका है ऐसे में यह डील अधर में लटक सकती है. T-129 हेलिकॉप्टर ब्रिटश-इटली सुरक्षा कंपनी ऑगस्टा वेस्टलैंड बनाती है.
तुर्की के लिए यह बड़ा झटका इसलिए भी साबित होने वाला है क्योंकि फ़िलीपीन्स ने भी इस अटैकिंग हेलिकॉप्टर में अपनी दिलचस्पी दिखाई है. लेकिन अमेरिकी हस्ताक्षर के बिना यह असंभव है. एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण तुर्की के आर्म्स डिपार्टमेंट को अकेले 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है.
(भाषा इनपुट के साथ)