पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण पर बनी फिल्म 'द लूजिंग साइड' को कान वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल में मिला अवॉर्ड
By अनिल शर्मा | Published: January 7, 2023 12:41 PM2023-01-07T12:41:14+5:302023-01-07T12:46:19+5:30
फिल्म को जवाद शरीफ फिल्म्स के बैनर तले रिलीज किया गया है जिसे कुछ महीने पहले पुरस्कारों के लिए प्रस्तुत किया गया था और इसे दिसंबर के मध्य में पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
इस्लामाबादः पाकिस्तान के सिंध में जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर बनी एक फिल्म ने कान वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल में एक पुरस्कार जीता है। पाकिस्तानी फिल्म 'द लूजिंग साइड' ने सर्वश्रेष्ठ मानवाधिकार फिल्म की श्रेणी में पुरस्कार जीता। रिपोर्ट के मुताबिक, पुरस्कारों की घोषणा एक फेसबुक पोस्ट के जरिए की गई।
डॉन से बात करते हुए फिल्म के निर्देशक जवाद शरीफ ने कहा कि यह फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित है, जिसमें जबरन धर्मांतरण के चार पीड़ित अपनी-अपनी कहानियां सुना रहे हैं। फिल्म को जवाद शरीफ फिल्म्स के बैनर तले रिलीज किया गया है जिसे कुछ महीने पहले पुरस्कारों के लिए प्रस्तुत किया गया था और इसे दिसंबर के मध्य में पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
2022 के आखिरी दिन फिल्ममेकर शरीफ को पता चला कि उनकी फिल्म को पुरस्कृत किया गया तो इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "2022 के आखिरी दिन इतनी अच्छी खबर। हमारी फिल्म 'द लूजिंग साइड' ने कान्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ मानवाधिकार फिल्म का पुरस्कार जीता है।"
फिल्म की तैयारियों और इसकी सोच के बारे में बात करते हुए शरीफ ने बताया कि उनका अल्पसंख्यकों की विरासत और संस्कृति पर एक फिल्म बनाने का विचार था। शरीफ ने कहा कि सिंध में हिंदुओं और ईसाइयों जैसे अल्पसंख्यक समुदायों को धर्मांतरण के मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ मामले पसंद के होते हैं, पर अधिकांश मामले मजबूरी या जबरन के होते हैं।
फिल्म के निर्देशक शरीफ ने कहा कि कई मामलों में, कम उम्र हिंदू लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है और उन्हें जबरन इस्लाम कबूलने को मजबूर किया जाता है। इसके बाद किसी मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर दी जाती है।
गौरतलब बात हे कि वर्ष 2021 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने कहा कि सिंध से कम से कम 27 कथित जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आए हैं, जिनमें अधिकांश पीड़ित निम्न-जाति या अनुसूचित-जाति के हिंदू और ईसाई थे। एचआरसीपी ने कहा कि सात मामले नाबालिग से जुड़े हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक द लूजिंग साइड की काफी प्रशंसा हो रही है। मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में फिल्म को बार्सिलोना ह्यूमन राइट्स फिल्म फेस्टिवल में भी एक पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन जीतने से चूक गई।
शरीफ ने कहा कि ये पुरस्कार मान्यता से बड़े उद्देश्य की पूर्ति करते हैं। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि यह पुरस्कार अधिक सार्थक है, क्योंकि यह मुख्यधारा के मीडिया में एक संवेदनशील मुद्दे को जगह देगी।