छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत और दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद भारत के साथ तनाव?, बांग्लादेश ने नयी दिल्ली और त्रिपुरा में वीजा सेवाएं निलंबित कीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 23, 2025 06:42 IST2025-12-23T06:41:21+5:302025-12-23T06:42:18+5:30
पिछले सप्ताह छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में अशांति की एक नई लहर देखने को मिली है।

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नई दिल्लीः भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच बांग्लादेश ने नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग और त्रिपुरा स्थित अपने मिशन में वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं। इस घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के समूहों द्वारा उच्चायोग और मिशन के बाहर प्रदर्शन किये जाने के बाद वीजा सेवाओं को निलंबित करने का निर्णय लिया गया।
नयी दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग ने एक सार्वजनिक सूचना जारी कर अपरिहार्य परिस्थितियों के मद्देनजर वीजा सेवाओं के निलंबन की जानकारी दी। त्रिपुरा स्थित बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग ने भी रविवार को मिशन के बाहर विरोध प्रदर्शन होने के बाद वीजा सेवाओं को निलंबित करने की इसी तरह की घोषणा की।
समझा जाता है कि पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में वीजा आवेदनों की प्रक्रिया के लिए ढाका द्वारा नियुक्त एक निजी ऑपरेटर ने भी अपनी सेवाएं निलंबित कर दी हैं। पिछले सप्ताह छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में अशांति की एक नई लहर देखने को मिली है।
हादी उस सरकार विरोधी प्रदर्शनों का एक प्रमुख चेहरा था, जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपदस्थ होना पड़ा था। पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारियों में से कुछ ने भारत के खिलाफ भी अपना गुस्सा जाहिर किया। ताजा प्रदर्शनों के बीच, बांग्लादेश के मयमनसिंह में एक हिंदू व्यक्ति, दीपू चंद्र दास की हत्या कर दी गई।
बृहस्पतिवार को, आक्रोशित प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने चटगांव में भारत के सहायक उच्चायोग पर धावा बोलने की कोशिश की। इसके बाद भारत ने इस मिशन में अपनी वीजा सेवाएं निलंबित कर दीं। भारत ने बुधवार को बांग्लादेश के राजनयिक रियाज हामिदुल्लाह को तलब किया और ढाका में भारतीय मिशन के आसपास असुरक्षा का माहौल पैदा करने की योजना बना रहे कुछ चरमपंथी तत्वों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की थी। भारत ने यह कदम उस वक्त उठाया जब कुछ चरमपंथी तत्वों ने ढाका में भारतीय उच्चायोग के आसपास विरोध प्रदर्शन करने की योजना की घोषणा की।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत, बांग्लादेश में हाल में हुई कुछ घटनाओं के संबंध में चरमपंथी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही झूठी कहानी को पूरी तरह से खारिज करता है। हामिदुल्लाह को तलब करने के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने न तो गहन जांच की है और न ही इन घटनाओं के संबंध में भारत के साथ कोई सार्थक सबूत साझा किए हैं।’’