तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के एक साल बाद मनाया हथियारों के साथ जश्न, लगे ‘इस्लाम जिंदाबाद’ और ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 15, 2022 06:18 PM2022-08-15T18:18:04+5:302022-08-15T18:25:56+5:30

तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के एक साल बाद विश्व समुदाय भी इस बात को मानने लगा कि अब अफगानिस्तान का बुनियादी स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है।

Taliban occupied Afghanistan a year ago, celebrating with weapons, slogans of 'Islam Zindabad' and 'America Murdabad' | तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के एक साल बाद मनाया हथियारों के साथ जश्न, लगे ‘इस्लाम जिंदाबाद’ और ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे

फाइल फोटो

Highlightsतालिबान ने 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपना झंडा लहराया था इसी का जश्न मनाते हुए तालिबानी लड़ाकों ने लगाया ‘इस्लाम जिंदाबाद’, ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ का नाराविश्व समुदाय भी अब इस बात को मानने लगा कि अफगानिस्तान का बुनियादी स्वरूप बदल गया है

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अपना झंडा लहराकर विश्व को तालिबान की हिंसक वापसी का स्पष्ट संदेश दे दिया था। तालिबानी लड़ाकों ने सोमवार को राजधानी काबुल में हथियारों को लहराकर अफगानिस्तान की जनता को अपने शक्ति का एहसास कराया।

एक साल गुजरने के साथ विश्व समुदाय भी इस बात को मानने लगा कि अब अफगानिस्तान का बुनियादी स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है। इसका नजारा उस समय देखने को मिला, जब सोमवार को तालिबान लड़ाकों ने पैदल, साइकिलों और मोटर साइकिलों पर काबुल की सड़कों पर विजय परेड निकाला। 

इस विजय परेड में राइफलें और अन्य अत्याधुनिक हथियारों का भी जमकर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान तालिबान के कट्टरपंथी समूह के एक छोटे से ग्रुप ने अमेरिका के पूर्व दूतावास के सामने से गुजरते हुए ‘इस्लाम जिंदाबाद’ और ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए।

इस आक्रामकता से पता चलता है कि बीते एक साल में अफगानिस्तान में बहुत कुछ बदल गया है। आर्थिक मंदी के हालात में लाखों और अफगान नागरिक गरीबी की ओर जाने को मजबूर हुए हैं। इस बीच तालिबान नीत सरकार में कट्टरपंथियों का दबदबा बढ़ता दिख रहा है।

तालिबान सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर मुहैया कराये जाने पर पाबंदियां लगा दी है जबकि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे की शुरुआत में विश्व समुदाय से वादा किया था कि वो महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को कम नहीं करेगा।

लेकिन कब्जे के एक साल बाद भी तालिबान शासन लड़कियों को स्कूल नहीं जाने दे रहा है। यहां तक की महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर खुद को सिर से पांव तक ढककर जाना होता है। साल भर पहले हजारों अफगान नागरिक तालिबान के शासन से बचने के लिए देश छोड़ने के लिहाज से काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे थे।

अमेरिका ने 20 साल की जंग के बाद अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुला लिया था और ऐसे हालात बने थे। इस मौके पर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने देश छोड़ने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वह विद्रोहियों के सामने समर्पण के अपमान से बचना चाहते थे। उन्होंने सीएनएन से बातचीत में कहा कि 15 अगस्त, 2021 की सुबह जब तालिबान काबुल तक पहुंच गया था तो राष्ट्रपति भवन में वही बचे थे क्योंकि उनके सारे सुरक्षाकर्मी गायब थे।

Web Title: Taliban occupied Afghanistan a year ago, celebrating with weapons, slogans of 'Islam Zindabad' and 'America Murdabad'

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