श्रीलंका: प्रदर्शनकारियों ने किया पुरानी संसद पर कब्जा, जनता बना रही वीडियो, ले रही सेल्फी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 12, 2022 10:22 PM2022-07-12T22:22:28+5:302022-07-12T22:26:36+5:30
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में बीते शनिवार को हिंसक प्रदर्शनकारियों ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया था और राष्ट्रपति गोटबाया राजपश्रे को खदेड़ते हुए राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था।
कोलंबो:श्रीलंका की राजधानी की सड़कें प्रदर्शनकारियों से पटी पड़ी हैं। देश के आर्थिक दिवालियेपन के लिए नाराज लोगों का जत्था इसे राजनीतिक नेतृत्व की चूक बताकर लगातार इसकी आलोचना करता आ रहा है और अब लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है और उनके सामने जीवन-मरण का प्रश्न खड़ा हो गया है। ऐसे में कुछ युवा प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतर आये हैं, जिन्हें कंट्रोल करना श्रलंकाई सेना ओर पुलिस को भी भारी पड़ रहा है।
यही कारण है कि बीते रोज हिंसक प्रदर्शनकारियों ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे के निजी आवास को आग को हवाले कर दिया था और राष्ट्रपति गोटबाया राजपश्रे को खदेड़ते हुए राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था।
जानकारी के मुताबिक श्रीलंका की राजधानी कोलंबो की सड़कों पर अभी भी लगातार प्रदर्शनकारी काफी उग्र रूप में नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति भवन पर कब्जे के बाद अब प्रदर्शनकारियों ने अब पुराने संसद भवन पर भी कब्जा कर लिया है। यही नहीं देश की इन इमारतों को भीतर से देखने के लिए आम श्रीलंकाई नागरिक दूर-दूर से पहुंच रहे है।
प्रदर्शाकारियों के कब्जे में इन भवनों के देखने के लिए आम नागरिकों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। वहीं राष्ट्रपति भवन से लेकर पुराने संसद भवन तक लोग अंदर घुसकर इसके अपना वीडियो भी बना रहे हैं। बीते कई महीनों से आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंकाईयों के सब्र का बांध टूट गया और गुस्साए प्रदर्शनकारी लगातार सरकारी इमारतों पर कब्जा कर रहे हैं।
इसी क्रम में बीते शनिवार को राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने और वहां से करोड़ों की नकदी बरामद करने के बाद अब प्रदर्शनकारियों ने पुराने संसद भवन पर कब्जा कर लिया है। दरअसल ये इमारत राष्ट्रपति भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
साल 1948 में अपनी आजादी के बाद से श्रीलंका अब तक के सबसे भयानक आर्थिक मंदी से गुजर रहा है। लोगों के पास रोजमर्रा से जुड़ी वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है। यही कारण है कि श्रीलंका का आर्थिक गतिरोध अब धीरे-धीरे हिंसक रूप ले रहा है।