शरीफ उस्मान हादी की हत्या, फरार 2 संदिग्ध फैसल और आलमगीर?, पुलिस का दावा- भारत के मेघालय में घुसे?, बीएसएफ ने कहा- निराधार और भ्रामक
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 28, 2025 21:21 IST2025-12-28T15:50:40+5:302025-12-28T21:21:26+5:30
नकाबपोश बंदूकधारियों ने 12 दिसंबर को मध्य ढाका के विजयनगर इलाके में हादी के सिर में उस समय गोली मार दी थी, जब वह चुनाव प्रचार कर रहे थे।

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ढाकाः ‘इंकलाब मंच’ के नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के दो मुख्य संदिग्ध बांग्लादेश से फरार हो गए हैं और उनके इस समय भारत में होने का संदेह है। ढाका महानगर पुलिस (डीएमपी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। नकाबपोश बंदूकधारियों ने 12 दिसंबर को मध्य ढाका के विजयनगर इलाके में हादी के सिर में उस समय गोली मार दी थी, जब वह चुनाव प्रचार कर रहे थे।
बाद में सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। डीएमपी ढाका के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं परिचालन) एस. एन. मोहम्मद नजर-उल इस्लाम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “संदिग्ध फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख स्थानीय सहयोगियों की मदद से भारत के मेघालय में घुस गए हैं।”
मेघालय की सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेश पुलिस के उन दावों को रविवार को सिरे से खारिज कर दिया कि ‘इंकलाब मंच’ के नेता शरीफ उस्मान हादी के हत्यारे भारतीय राज्य में दाखिल हो गए हैं। मेघालय में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख, महानिरीक्षक (आईजी) ओ पी उपाध्याय ने कहा कि ये दावे निराधार और भ्रामक हैं।
ढाका महानगर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिन में दावा किया था कि हादी हत्याकांड के दो मुख्य संदिग्ध ‘‘स्थानीय सहयोगियों की मदद से’’ हलुआघाट सीमा के रास्ते मेघालय में प्रवेश कर गए हैं। उपाध्याय ने कहा, ‘‘इस बात का कोई सबूत नहीं है कि किसी व्यक्ति ने हलुआघाट सेक्टर से मेघालय में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की हो। बीएसएफ को ऐसी किसी घटना की न तो सूचना मिली है और न ही ऐसी कोई रिपोर्ट मिली है।’’
‘द डेली स्टार’ ने इस्लाम के हवाले से अपनी खबर में कहा, “हमारी जानकारी के अनुसार, दोनों संदिग्ध हलुआघाट सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश कर गए। सीमा पार करने के बाद उन्हें पहले पुरती नाम का एक व्यक्ति मिला। इसके बाद सामी नाम के एक टैक्सी चालक ने उन्हें मेघालय के तूरा शहर तक पहुंचाया।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को अनौपचारिक जानकारी मिली कि फरार आरोपियों की मदद करने वाले दोनों लोग पुरती और सामी को भारत में अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है। डीएमपी अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश सरकार संदिग्धों को वापस लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “उनकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित करने के लिए हम औपचारिक और अनौपचारिक दोनों माध्यमों से भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।” हालांकि, डीएमपी अधिकारी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि दोनों संदिग्ध कब बांग्लादेश से भागकर भारत में घुसे। इस मामले पर भारतीय अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘बांग्लादेश संवाद संस्था’ (बीएसएस) की खबर के अनुसार इस्लाम ने कहा है कि हादी की हत्या की जांच “लगभग पूरी हो चुकी है” और “आगामी सात से दस दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि अब तक हत्या के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से छह ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत अदालत के सामने इकबालिया बयान दिए हैं। पुलिस ने कहा कि यह हत्या सुनियोजित थी।
‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता हादी पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध-प्रदर्शनों में शामिल प्रमुख नेताओं में से एक थे। इन विरोध-प्रदर्शनों की वजह से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार सत्ता से हट गई थी। वह 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में एक उम्मीदवार थे।
उन्होंने कहा कि प्रसारित किए जा रहे दावे निराधार और भ्रामक हैं। मेघालय पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गारो पर्वतीय क्षेत्र में संदिग्धों की मौजूदगी के दावे की पुष्टि करने के लिए ‘‘कोई जानकारी या खुफिया प्रमाण नहीं’’ है। अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस इकाइयों को इस तरह की किसी गतिविधि की सूचना नहीं मिली है और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय जारी है।
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात कर्मियों को हर समय उच्च स्तर की सतर्कता पर रखा गया है, विशेष रूप से पड़ोसी देश में व्याप्त अशांति और अस्थिर स्थिति के मद्देनजर। बल ने दोहराया कि इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और सीमा पार अवैध आवाजाही के किसी भी प्रयास का तुरंत पता लगाकर कानून के तहत उससे निपटा जाएगा। हादी (32) को 12 दिसंबर को ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान सिर में गोली मार दी गई थी।
बांग्लादेशी छात्र नेता को बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। इंकलाब मंचों के प्रवक्ता हादी जुलाई-अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रमुख युवा नेता के रूप में उभरा था। वह अगले साल 12 फरवरी को होने जा रहे आम चुनाव में प्रमुख उम्मीदवार था।