Russia Ukraine War: नाटो ने चीन से दो टूक कहा- रूस को आर्थिक और सैन्य रूप से मदद देना बंद करे
By रुस्तम राणा | Published: March 24, 2022 08:24 PM2022-03-24T20:24:26+5:302022-03-24T20:40:05+5:30
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग गुरुवार को कहा, चीन को हमारा संदेश है कि वह दुनिया के उन देशों के साथ खड़ा होना चाहिए जो यूक्रेन हमले को लेकर रूस की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
ब्रसेल्स: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर नाटो ने चीन को साफ संदेश देते हुए कहा है कि उसे रूस को सैन्य और आर्थिक मदद देना बंद करना चाहिए। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग गुरुवार को कहा, चीन को हमारा संदेश है कि वह दुनिया के उन देशों के साथ खड़ा होना चाहिए जो यूक्रेन हमले को लेकर रूस की कड़ी निंदा कर रहे हैं। नाटो ने कहा, चीन रूस के खिलाफ क्रूर युद्ध की निंदा करे। वह आर्थिक और सैन्य रूप से रूस का समर्थन न करें।
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर नाटो में शामिल देश सक्रिय हो गए हैं। उन्हें यह चिंता है कि रूस यूक्रेन पर जैविक हथियारों का उपयोग कर सकता है। जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, हम चिंतित हैं क्योंकि रूस नाटो के बहाने यूक्रेन में इसे अंजाम देने के लिए जैविक हमले की तैयारी कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह संघर्ष की प्रकृति को बदल देगा। यह न केवल यूक्रेन बल्कि नाटो देशों को भी प्रभावित करेगा।
उन्होंने कहा, नाटो सहयोगी इस तरह के हमलों से निपटने के लिए यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने पर सहमत हुए हैं। हमने अपने रासायनिक, जैविक और परमाणु रक्षा तत्वों को सक्रिय कर दिया है। इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नाटो से सैन्य मदद बढ़ाने का आग्रह किया।
Our message to China is that they should join the rest of the world and condemn the brutal war against Russia and should neither support Russia economically nor militarily: Jens Stoltenberg pic.twitter.com/cS5iyNIv2e
— ANI (@ANI) March 24, 2022
वहीं अमेरिका ने यूक्रेन में रूस के युद्ध से प्रभावित लोगों के लिए मानवीय सहायता के लिए 1 बिलियन डॉलर से अधिक की नई निधि प्रदान करने की घोषणा की है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है। इस फंड के जरिए शरणार्थियों के लिए भोजन, आश्रय, स्वच्छ पानी, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा यूएस ने $320 मिलियन डॉलर यू्क्रेन और उसके पड़ोसी लोकतांत्रिक मुल्कों को वित्तपोषण के लिए प्रदान करने की घोषणा की है।