नई दिल्ली: दुनिया की मशहूर पॉप सिंगर रिहाना समेत कई इंटरनेशनल सेलिब्रिटी ने ट्वीट कर किसान आंदोलन की तरफ विश्व के लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। रिहाना के एक ट्वीट के बाद अंतराष्ट्रीय मीडिया और सोशल मीडिया में भारत में चल रहे किसान आंदोलन का मुद्दा छाया रहा।
दरअसल, रिहाना ने अपने एक ट्वीट में प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बंद करने की आलोचना की। 32 साल की रिहाना अंतराष्ट्रीय स्तर की ऐसी पहली स्टार हैं, जिन्होंने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है।
दुनिया भर में भारतीय किसान आंदोलन को लेकर हजारों ट्वीट हुए-
उन्होंने सीएनएन के एक लेख के साथ ट्वीट किया, ‘‘हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? हैशटैग किसान आंदोलन।'' बता दें कि रिहाना के ट्विटर पर दुनिया भर के कई देशों के करीब 10 करोड़ फॉलोवर हैं।
ऐसे में रिहाना के ट्वीट के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट का बाढ़ आ गया लोग प्रदर्शन कर रहे किसानों के बारे में ट्वीट व रिट्वीट कर भारत की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने लगे।
हम भारत के किसानों के साथ खड़े हैं: ग्रेटा थनबर्ग
इसके कुछ देर बाद ही विश्व की लोकप्रिय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया है। स्वीडन में रह रही पर्यावरण कार्यकर्ता 18 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट करके कहा कि हम भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं।
बता दें कि ग्रेटा के इश ट्वीट को दुनिया भर के करीब 30 हजार से अधिक ट्विटर यूजर्स ने ट्वीट किया है। इसके अलावा हजारों की संख्या में लोगों ने इसका स्क्रिनशॉट लेकर साझा किया है।
एक्टिविस्ट लिसिप्रिया कंगुजम ने भी किया ट्वीट
ग्रेटा के अलावा एक अन्य लड़की वैश्विक मंच पर काफी कम समय में लोकप्रिय हो गई हैं, उसका नाम है लिसिप्रिया कंजुजम। लिसिप्रिया पर्यावरण को लेकर काम करती है। महज 8 साल की उम्र में यह पर्यावरण के क्षेत्र में अपने कामों को लेकर दुनिया में लोकप्रिय हो गई। भारत की रहने वाली लिसिप्रिया के दुनिया भर में लाखों फॉलोवर हैं। भारतीय एक्टिविस्ट लिसिप्रिया कंगुजम ने भी बीते दिन ट्विटर पर खुलकर किसान आंदोलन का समर्थन किया।
कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग और रिहाना-
एक तरफ जहां रिहाना दुनिया के टॉप सेलिब्रिटी में से एक है तो वहीं दूसरी तरफ ग्रेटा दुनिया की लोकप्रिय पर्यावरण कार्यकर्ताओं में से एक है। ग्रेटा इस साल उस वक्त चर्चा में आई थीं जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में दुनियाभर के शक्तिशाली नेताओं पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से निपटने में नाकाम रहने और इस तरह नई पीढ़ी से विश्वासघात करने का आरोप लगाया था।
इस कार्यक्रम में उस वक्त यूएन चीफ एंतानियो गुतारस भी मौजूद थे। ग्रेटा उस वक्त भी चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने एक पर्यावरण पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जलवायु अभियान में आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग पुरस्कार देने के बजाए विज्ञान का अनुसरण शुरू करें। ग्रेटा ने ट्रंप के सामने ही पेरिस समझौता से अमेरिका के बाहर आने की जमकर आलोचना की थी।