पोप ने विश्व को आर्थिक और पर्यावरणीय तौर पर अधिक न्यायसंगत बनाने का आह्वान किया
By भाषा | Updated: February 8, 2021 18:55 IST2021-02-08T18:55:30+5:302021-02-08T18:55:30+5:30

पोप ने विश्व को आर्थिक और पर्यावरणीय तौर पर अधिक न्यायसंगत बनाने का आह्वान किया
रोम, आठ फरवरी (एपी) पोप फ्रांसिस ने सोमवार को दुनियाभर की सरकारों से अनुरोध किया कि वे कोरोना वायरस संकट का इस्तेमाल एक ऐसे विश्व का निर्माण करने के वास्ते क्रांतिकारी अवसर के तौर पर करें जो आर्थिक और पर्यावरणीय तौर पर अधिक न्यायसंगत हो और जिसमें सभी के लिए बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल की गांरटी हो।
फ्रांसिस ने वार्षिक विदेश नीति संबोधन के दौरान यह टिप्पणी की है। यह कार्यक्रम पोप के बीमार पड़ जाने के कारण दो हफ्तों के लिए टाल दिया गया था।
फ्रांसिस ने पोप के आधिकारिक निवास अपोस्टोलिक पैलेस में सरकारों के प्रतिनिधियों से गरीबों को कोरोना वायरस का टीका मुहैया कराने के लिए वैश्विक पहल में योगदान देने को कहा।
उन्होंने कहा कि बीमार आर्थिक मॉडल, गरीबों और पृथ्वी का शोषण करता है।
उन्होंने कहा कि एक नई तरह की “कोपर्निकन क्रांति“ की जरूरत है जो अर्थव्यवस्था को लोगों की सेवा में लगा सके, ना कि लोग अर्थव्यवस्था की सेवा करें।
16वीं सदी की कोपर्निकन क्रांति में कहा गया था कि सूर्य ब्रह्मांड के केंद्र में है न की पृथ्वी ।
उन्होंने कहा कि इस तरह की क्रांतिकारी नई अर्थव्यवस्था जीवन लाए न कि मौत, समावेशी हो ना कि लोगों को हाशिये पर डालने वाली, मानवीय हो न कि अमानवीय, पर्यावरण का ख्याल रखे न कि इसको खराब करे।
फ्रांसिस ने बार-बार विश्व से अपील की है कि वह महामारी को एक ऐसे मौके के तौर पर इस्तेमाल करे जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की फिर से कल्पना करे जिसमें मुनाफे से अधिक लोगों एवं पृथ्वी को अहमियत दी जाए।
पोप ने अपने भाषण में सभी के लिए बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने का आह्वान किया।
उन्होंने सीरिया में युद्ध को खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि 2021 में इसको 10 साल हो जाएंगे।
फ्रांसिस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से "ईमानदारी और साहस के साथ संघर्ष के कारणों को हल करने और समाधान की तलाश करने की गुजारिश की।
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