पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सेवा रद्द कर दी है। जम्मू-कश्मीर और आर्टिकल 370 को लेकर मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर पाकिस्तान लगातार प्रतिक्रियाएं दे रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पाकिस्तान ने गुरुवार को सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए समझौता एक्सप्रेस को वाघा में रोक दिया, जिससे यात्री कुछ समय के लिये वहां फंस गए। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा को लेकर जताई गई आशंका को खारिज दिया और वे ट्रेन लेकर अटारी के लिये रवाना हो गए।
भारतीय रेल के सूत्रों के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस को पाक की तरफ से रोके जाने के बाद भारतीय चलक दल के सदस्य और गार्ड सुरक्षा देते हुए ट्रेन को लेकर वाघा बॉर्डर से अटारी के लिए रवाना हुए।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘आज दोपहर बाद दो बजकर 14 मिनट पर हमें पाकिस्तानी अधिकारियों से सूचना मिली तो हमने उन्हें आश्वस्त किया कि सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है और ट्रेन यहां आनी चाहिए। हालांकि, हमने उन्हें यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय चालक दल के सदस्य और गार्ड इसे सुरक्षा देते हुए वाघा से अटारी तक ले जायेंगे।’’
अंतिम सूचना मिलने तक भारतीय चालक दल ने ट्रेन को वाघा से अटारी के लिए रवाना किया और जल्दी ही इसके अटारी पहुंचने की उम्मीद है।
समझौता एक्सप्रेस में छह शयनयान डिब्बे और एक एसी 3-टियर का डिब्बा है। शिमला समझौते के तहत इस ट्रेन सेवा की शुरूआत 22 जुलाई 1976 को की गयी थी।
गौरतलब है कि भारत की तरफ से यह ट्रेन दिल्ली से अटारी के बीच जबकि पाकिस्तान की ओर से यह लाहौर से वाघा के बीच चलती है।
इससे पहले पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करने और व्यापार रोकने का फैसला करने के कुछ ही मिनटों बाद भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया।
पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के भारत के कदम को ‘‘एकतरफा और अवैध’’ बताते हुए यह कदम उठाया है। साथ ही, पाक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सहित संयुक्त राष्ट्र में भी इस मुद्दे को ले जाने का संकल्प लिया है।
भारत ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई एनएससी की बैठक के बाद पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने की घोषणा की। बैठक में द्विपक्षीय व्यापार रोकने और द्विपक्षीय व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का भी फैसला किया गया।